अनाथ

अनाथ

माँ के निधन के पश्चात इकलौते बेटे ने पत्नी के कहने में आ कर अपने पिता को वृद्धाश्रम में भेजने का निर्णय ले लिया। पिता की समस्त भौतिक वस्तुएं समेट वो एक ईसाई पादरी द्वारा संचालित वृद्धाश्रम में पिता को ले आया।

काउंटर पर बैठी क्लर्क ने बहुत से विकल्प दिए – टेलीविज़न, AC, शाकाहारी / मांसाहारी इत्यादि।

पिता ने सादे एक वक़्त के शाकाहारी भोजन को छोड़ सब के लिए मना कर दिया।

पुत्र पिता का सामान कार से निकालने बाहर गया। तभी पत्नी ने फ़ोन किया ये पता लगाने के लिए कि सब कुछ ठीक से निपटा या नहीं। और इस बात के लिए पति को ज़ोर देकर आगाह किया की उसके पिता को अब त्यौहारों पर भी घर आने की ज़रुरत नहीं।

क्रिस्चियन पादरी बाहर आये पिता को देख उनकी और बढ़ गये। और उनके दोनों कन्धों पर हाथ रख कर बात करने लगे। इस दौरान पिता हिम्मत से मुस्कुराते रहे।

बेटे को बड़ा आश्चर्य हुआ। उसने तुरंत निकट पहुंचकर पादरी से पूछा कि वो पूर्व परिचित हैं क्या? जो इतनी बेतकल्लुफी से बात कर रहे हैं?

पादरी ने अपनी गीली आँखें पोछते हुए बेटे को देखा और कहा हाँ! बहुत ही अच्छे से। आपके पिता 30 साल पहले यहां आये थे और अपने साथ एक अनाथ बच्चे को ले गए थे गोद लेने के लिए!

बेटा अवाक था। जन्म का अनाथ अपने कर्मो से फिर अनाथ हो गया!

~ व्हाट्सप्प पर शेयर की गयी

Check Also

World Autism Awareness Day Information

World Autism Awareness Day: Date, History, Theme, Significance

World Autism Awareness Day is observed annually on 2nd April to persuade member states to …