अनूठा खेल 'बबल बॉल'

अनूठा खेल ‘बबल बॉल’

बबल बॉल तेजी से लोकप्रिय हो रहा एक बेहद अनूठा व नया खेल है। दुनिया भर में इसे पसंद किया जा रहा है। यह एक तरह से फुटबॉल का ही बदला हुआ रूप है, फर्क इतना है कि इसमें खिलाड़ी एक विशाल पारदर्शी गेंद में ‘कैद’ होकर खेलते है।

विशाल गेंदों के बीचों-बीच एक बड़ा छेद होता है। इनमें से सिर तथा शरीर के ऊपरी हिस्से को घुसाना कुछ जटिल हो सकता है। इसमें घुसने में सहायता के लिए दो हैंडल लगे होते है जिनकी मदद से इन्हे सिर की ओर से अपने पर डाला जाता है जब तक कि यह खिलाड़ी की जांघो तक न पहुंच जाए।

खेल खेलने का तरीका भी बहुत फुटबॉल जैसा ही है जिसमे दो टीमें दूसरे के गोल में गेंद डालने प्रयास करती है। बबल गेम नॉर्वे में ईजाद हुआ था जो अब यूरोप तथा उत्तरी अमेरीका तक लोकप्रिय हो चुका है। जर्मनी की युनाबॉल जैसी कम्पनियां इसके लिए विशाल पारदर्शी गेंदे तैयार करने लगी है। जर्मनी के गेलसेनकिर्चेन में यह खेल करीब 1 वर्ष पूर्व पहुंचा। 2015 की शुरुआत में इस खेल के लिए यहां दूसरा मैदान खोला गया।

बबल बॉल आमतौर पर सर्दियों में ज्यादा खेला जाता है जब स्कूल वालों से लेकर कम्पनी वाले, दोस्तों के समूह आदि इस खेल के लिए मैदान तथा विशाल पारदर्शी गेंदे बुक करवाते है।

गेलसेनकिर्चेन स्तिथ मैदान में हाल ही में 8 युवतियों ने इस नए खेल का आनंद लिया। उनकी एक टीम की गेंदों में लाल जबकि दूसरी की गेंदों में नीले रंग के निशान लगे है ताकि खिलाड़ियों को अपने व विरोध टीम के खिलाड़ी की आसानी से पहचान हो सके, साथ ही दर्शकों को भी दोनों टीमों के खिलाड़ियों में अंतर पता चल सके। बड़ी-बड़ी पारदर्शी गेंदों में एक तरह के बंद होकर वे एक-दूसरे से टकरा कर गेंद छीनने व दूसरे के गोल में गेंद डालने का प्रयास करते हुए सबका ध्यान आकर्षित करती हैं। उन्हें देख कर कुछ लोगों को हंसी भी आ सकती है क्योंकि वे कोई अजीब-सी कॉस्ट्यूम पहने प्रतीत होती हैं। मैदान पर वे गेंद के पीछे भागती हुई और एक-दूसरे से टकराती हुई तो और भी अनाड़ी-सी प्रतीत होती हैं।

किनारे खड़ी उनकी तस्वीरें खींच रही उनकी एक सहेली के अनुसार यह सब बहुत बचकाना लगता है लेकिन है बड़ा मजेदार। शायद यही वजह है की इस खेल को खेलने वालों को इस बात की ज्यादा परवाह प्रतीत नही होती कि कौन-सी टीम अधिक गोल दागती है। वे तो बस इस खेल का आनंद लेना चाहते हैं। वैसे भी इस खेल का असली मकसद भी शायद मौज-मस्ती ही है।

10 मिनट के खेल के बाद ही लड़कियां काफी थक जाती है और उन्हें ब्रेक लेना पड़ता है। खेल रही एक युवती के अनुसार यह एक थकाने वाला खेल है और गेंदों के भीतर गर्मी भी बहुत लगती है। इनमें भागते वक्त तो सच में सांस लेना कठिन हो जाता है।

जर्मनी की बबल फुटबॉल एसोसिएशन इसे पेशेवर रूप देने का प्रयास कर रही हैं। अभी इस खेल को किसी तरह की मान्यता न मिली हो पर कई जर्मन राज्यों में इसकी प्रतियोगिताए आयोजित होने लगी है। इतना ही नही अगले वर्ष एशिया में 24 देशों की टीमें बबल फुटबॉल वर्ल्ड कप मे हिस्सा लेंगे।

Check Also

Pisces Horoscope - मीन राशि

Pisces Weekly Horoscope November 2024: Astro Anupam V Kapil

Pisces Weekly Horoscope November 2024: Pisces is the last sign of the zodiac, which has …