भारत की बॉक्सिंग कैपिटल - भिवानी

भारत की बॉक्सिंग कैपिटल – भिवानी

हालांकि, यह भी एक सच्चाई है कि कस्बे में बॉक्सिंग सीखने वाले सभी लड़के-लड़कियों का लक्ष्य प्रतियोगिताओं में पदक जितना ही नहीं है। 15 वर्षीय निधि धाका कहती है, “मै सरकारी नौकरी पाना चाहती हूं। मां चाहती है कि मै पुलिस में भर्ती हो जाऊ।” वजह साफ़ है की पुलिस, फौज, अर्ध्दसैनिक बलों व् रेलवे में भी स्पोर्टर्स कोटा के तहत सफल खिलाड़ियों के लिए कई पद आरक्षित रहते है। कोच जगदीश कहते है की उनके कई छात्र बॉक्सिंग क्लब को गरीबी से निकलने का एक जरिया मानते है।

boxing-craze-in-girls-also

देश में रोजगार की किल्ल्त तथा सरकारी नौकरी पाने के लिए भ्रष्टचार का सामना करने की दिक्क़ते भी है। हालांकि, अपने बच्चो को बॉक्सिंग सीखने के लिए भी परिवारो को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इनमे क्लब की फीस तथा उन विशेष जूतो का खर्च शामिल है जिन्हे लगातार अभ्यास की वजह से हर दो महीने में बदलना पड़ता है। इसके अलावा लड़कियों के लिए संतुलित आहार भी आवश्यक है परंतु अक्सर उन्हें दाल-रोटी से ही गुजारा करना पड़ता है। कई माता-पिता जरूर उनके लिए कभी- कभार घर से दूध की बोतल भेज देते हैं। वहीं 17 वर्षीय रजनी सिंह के अनुसार बॉक्सिंग से उन्हें कई तरह से फायदा हुआ है। पहले तो इसे सीखने से उनका आत्मविश्वास कई गुणा बढ़ गया है। वह खुद को अधिक सुरक्षित महसूस करती है क्योंकि उन्हें पूरा विश्वास है कि अब कैसी भी परिस्तिथि में आत्मरक्षा कर सकती है।

17 वर्षीय बंटी पंघाल भी इस बात से सहमत है। वह कहती है, “क्लब में हम 13 लड़कियां है जो एक-दूसरे की मदद करती है। एक साथ हम बहुत मजबूत है।” देश भर में महिलाओ के साथ होने वाले यौन शोषण सहित विभिन्न अपराधो की खबरों के बीच जाहिर है की बॉक्सिंग इन लड़कियों के लिए एक बड़ी सुरक्षा का साधन है।

क्लब में बॉक्सिंग सीख रही 22 वर्षीय प्रियंका चौधरी एक उदाहरण देते हुए बताती है “एक दिन हम लड़कियां साइकिल पर जा रही थी जब एक लड़का हमारी ओर आकर भद्दी बातें करने लगा। उसे लगा की आम लड़कियों की तरह हम भी कुछ नही करेंगी लेकिन हमने उसे अच्छा सबक सिखाया। पहले उसकी जम कर पिटाई की फिर उसे पुलिस स्टेशन ले गई।”

Check Also

National Philosophy Day: Date, History, Wishes, Messages, Quotes

National Philosophy Day: Date, History, Wishes, Messages, Quotes

National Philosophy Day: This day encourages critical thinking, dialogue, and intellectual curiosity, addressing global challenges …