ओलिम्पिक्स विश्व में खेलों का महाकुम्भ है। 5 से 21 अगस्त तक ब्राजील के शहर रियो में आयोजित होने जा रहे 31 ओलिम्पिक खेलों में भारत की ओर से कई खिलाड़ी अपने देश का नाम ऊंचा करने के लिए जान लगा देंगे। हालांकि, ओलिम्पिक्स के साथ भारत का रिश्ता बहुत खुशनुमा नहीं रहा है। दुनिया में दूसरे सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले हमारे राष्ट्र ने अब तक ओलिम्पिक में खेलों में सिर्फ 26 पदक जीते हैं। इनमें से 9 स्वर्ण, 6 रजत तथा 11 कास्य पदक है। वहीं यह अच्छी खबर है कि 4 वर्ष पूर्व लंदन ओलिम्पिक में भारत ने 6 पदक प्राप्त किए थे जो अब तक एक बार में प्राप्त सबसे ज्यादा पदक है। इस बार भी भारतीय टीम उत्साहित है क्योंकि पहले से कहीं ज्यादा एथलीट्स ने ओलिम्पिक के लिए क्वालीफाई किया है। इस बार 120 खिलाड़ी इसमें हिस्सा ले रहे हैं जबकि लंदन ओलिम्पिक्स में 83 भारतीय खिलाड़ी थे। इस बार के ओलिम्पिक में पदक जीत सकने वाले प्रमुख खिलाड़ियों के बारे में यहां बता रहे हैं।
टैनिस मिक्स्ड डबल्स
1996 के अटलांटा ओलिम्पिक में लिएंडर पेस के कास्य पदक के टैनिस में पहला मैडल जितने की सानिया मिर्जा तथा रोहन बोपत्रा से इस बार काफी संभावनाए हैं। इन दिनों सानिया खूब प्रदर्शन कर रही हैं और सफलता में वह अहम भूमिका निभा सकती हैं। चोट की वजह से रोजर फैडरर ने नाम वापस ले लिया है फिर भी चुनौती कम नहीं है। वहीं टैनिस मैंस डबल में लिएंडर पेस तथा रोहन बोपत्रा से भी आशाएं हैं।
जिम्नास्टिक : 2016 Rio Olympics
दीपा करमाकर पहली बार ओलिम्पिक में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय जिम्नास्ट बन गई हैं। उसने ग्लासगो में हुए कॉमनवैल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीता था। वह ‘प्रोदोनोवा ऑन दवोल्ट‘ नामक जोखिमपूर्ण करतब में माहिर है। इससे ज्यादा अंक तो मिलते हैं लेकिन गंभीर चोट लगने का खतरा हमेशा बना रहता है। अगरतला की यह लड़की ओलिम्पिक्स में भारत को पदक दिलाने के लिए खूब मेहनत कर रही है। उनकी सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी रूस की मारिया पासेका है।
रैसलिंग : 2016 Rio Olympics
ओलिम्पिक में दूसरा पदक जितने के लिए जम कर मेहनत कर रहे योगेश्वर दत्त के पास सालों का अनुभव है। 65 किलो वर्ग में वह विश्व का सबसे जबरदस्त खिलाड़ी रहा है। लंदन ओलिम्पिक्स में उसने कांस्य पदक अपने नाम किया था। इस बार वह ओलिम्पिक में 2 बार मैडल जीत चुके सुशील कुमार की कमी को पूरा करने का प्रयास करेगा। हालांकि, वह भी यही चाहेगा कि शुरूआती दौर में उसका सामना इतालवी विश्व चैम्पियन फ्रैंक चैमीजो से न हो।
तीरंदाजी : 2016 Rio Olympics
भारतीय टीम इस खेल में पदक जितने के लिए फेवरेट है। बहुत कुछ प्रमुख तीरंदाज दीपिका कुमारी पर निर्भर करेगा। तीन महीने पहले ही रांची की इस युवती ने वर्ल्ड कप में भारत को रजत पदक दिलवाया। ओलिम्पिक में टीम को विश्व चैम्पियन दक्षिण कोरिया का सामना करना होगा। भारतीय तीरंदाजी टीम के अन्य प्रमुख खिलाडियों में लक्ष्मी रानी माझी तथा एल. बोम्बेला देवी हैं।
बैडमिंटन
इस साल की शुरुआत में चोटों का सामना करने वाली सायना नेहवाल ने हाल के दिनों में इंडोनेशिया की रतचानोक इंतानोन तथा चीन की वांग यिहान जैसी प्रतिद्वंद्वियों को धूल चटा कर खिताब जीते है। विश्व की 5 वें नम्बर की इस खिलाड़ी का सामना ओलिम्पिक चैम्पियन ली जुएरूई, वांग यिहान तथा विश्व की नम्बर वन स्पेन की कैरोलिना मेरिन से होगा। हाल में सायना ने कहा था, “अगर मैं 100 प्रतिशत फिट हूं तो मैं किसी को भी हरा सकती हूं।”
इन पर भी रहेगी नजर…
गोल्फ: अनिबार्न लाहड़ी जिनकी राह में अमरीका के बुब्बा वाटसन तथा स्वीडन के हैनरिक स्टैनसन की चुनौती होगी।
शूटिंग: जीतू राय के अलावा अभिनव बिंद्रा और गुरप्रीत सिंह पर नजर रहेगी।
बॉकिंसग: शिवा थापा ने खुद को उच्च स्तर का बॉक्सर साबित किया है। यह बॉक्सर ओलिम्पिक में आयरलैंड के विश्व चैम्पियन माइकल कोनलैंड से भिड़ेगा।
हॉकी (पुरुष): भारत के 9 स्वर्ण पदकों में से 8 पुरुषों की हॉकी में जीते गए है। नए कप्तान पी. आर. श्रीजेश के नेतृत्व में भारतीय टीम कुछ भी कर सकती है। डच तथा जर्मन टीम उनकी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी साबित होगी।
इस बार के स्वर्ण पदकों में नाम का ही सोना होगा
ओलिम्पिक खेल में हर खिलाड़ी स्वर्ण पदक जितने का प्रयास करता है। हालांकि, इसे एक विडम्बना कह सकते हैं कि इस बार स्वर्ण पदक विजेताओं को जो पदक मिलेंगे वे एक तरह से चांदी के होंगे। उन पर बस सोने की परत चढ़ी होगी। खिलाड़ियों को प्रदान किए जाने वाले स्वर्ण पदक एक पौंड से थोड़ा ज्यादा वजनी होते हैं, ऐसे में उन्हें पूरी तरह से सोने से बनाने में करोड़ों रुपया खर्च होगा इसलिए इन स्वर्ण पदकों के केवल ऊपर थोड़ी सी सोने की परत चढ़ी होगी जबकि अंदर चांदी होगी। इससे ये सस्ते पड़ेंगे। इस बार रजत तथा कांस्य पदक भी रीसाइकल्ड सामग्री से बनाए गए हैं।