Hand drawn Chhath puja greeting card

Hand drawn Chhath Puja greeting card

Hand drawn Chhath Puja greeting card

Hand drawn Chhath Puja greeting card

सूर्य देव और छठी मईया (ऊषा देवी के लिए प्रयुक्त नाम) इस पर्व के आराध्य हैं। इसकी तैयारी अत्यंत श्रमसाध्य और सघन होती है। ऊषा और प्रत्यूषा सूर्य देव की दो शक्ति मानी जाती हैं और उन्हें अर्घ्य दिया जाता है। संध्या काल में दिया जाने वाला पर्व का प्रथम अर्घ्य उनकी अंतिम किरण प्रत्यूषा को दिया जाता है और प्रातः काल का अर्घ्य सूर्य की प्रथम किरण ऊषा को।

छठ पर्व और सूर्य देव की पूजा का उल्लेख भारत के दोनों महाकाव्यों महाभारत और रामायण में है। श्रीराम के वनवास से लौटने के बाद देवी सीता के अयोध्या के राजपरिवार के कुल देवता के रूप में सूर्योपासना और महाभारत में इंद्रप्रस्थ की महारानी द्रौपदी के इस पर्व को मनाने के बारे में लिखित प्रमाण हैं। सूर्य पुत्र कर्ण महाभारत के प्रमुखतम किरदारों में एक है। यही नहीं, देवी ऊषा स्वयं वैदिक काल की देवी मानी गईं हैं, जिनकी उपासना में कई वेद मन्त्र और ऋचाएँ हैं।

Check Also

वीर सावरकर के अनमोल विचार विद्यार्थियों के लिए

वीर सावरकर के अनमोल विचार: Vinayak Damodar Savarkar Popular Quotes

वीर सावरकर के अनमोल विचार: वीर सावरकर हिंदुस्तान की आजादी के संघर्ष में एक महान …

Leave a Reply