आज के अधिंकांश मां-बाप को शिकायत रहती है की उनके बच्चे बहुत उच्छृंखल हो गए हैं। उन्हें सम्मान नहीं देते हैं। दूसरों के सामने उनकी बेइज़्ज़ती कर देते हैं। कई बार तो ऐसी हरकतें करते हैं जिनके लिए मां-बाप को शर्मिंदा होना पड़ता है। वास्तव में यह एक चिंता का विषय है।
क्या कभी हमने यह सोचा है की बच्चे उच्छृंखल व जिद्दी क्यों बनते हैं। छोटी उम्र में बच्चा तोतली ज़ुबान से बातें करता है तो उनको बहुत ही अच्छा लगता है। उसकी बातें सुन कर गदगद हो उठते हैं चाहे बच्चे उट्ट- पटांग ही क्यों न बोल जाएं।
अधिकांश माता-पिता बच्चे को खेल-खेल में काफी गलत बातें सीखा जाते हैं। जब बच्चा छोटा होता है तब उसकी बातें अच्छी लगती हैं पर जब वह बड़ा होने पर वही बातें बोलता है तो माता-पिता उसे डांटते हैं पीटते हैं किन्तु तब उसे डांटने या पीटने से कुछ नहीं हो पर बल्कि वह ज्यादा उच्छृंखल ही बनता है।
यह कहना अनुचित ना होगा की अधिकांश बुरी आदतें बच्चा घर से ही सीखता है। माता-पिता जाने अनजाने में उसे गलत बातें सीखा देते हैं। तब उन्हें अहसास ही नहीं होता की इससे वे अपने बच्चे का भविष्य बिगाड़ रहे हैं।
नीचे कुछ उपयोगी टिप्स दिए गए हैं जिन्हे अपना कर आप अपने बच्चे को सही दिशा दे सकते हैं:
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बच्चे जब भी आपके सामने गलत बात कहे तभी उसे मना कर दें। अगर वह ना माने तो उसे प्यार से समझाएं की यह बुरी बात है।
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बच्चों को बताएं कि वे किसी से कोई चीज़ मांग कर ना खाएं।
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किसी के घर जाने पर अगर बच्चा उनकी वस्तुओं को तोड़-फोड़ करे तो उसे मना कर दें न कि मूक दर्शक बन कर तमाशा देखते रहें।
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बच्चे के सामने कभी झूठ न बोलें न ही कभी उसके सामने चोरी करें।
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बच्चा किसी कि वस्तु चुरा कर लाये तो उसे समझाएं और जिसकी वह वस्तु हो उसे बच्चे के सामने लौटा दें।
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बच्चे के सामने किसी को गाली मत दें और न ही ऐसे लोगों के पास जाने दें जिसे बात-बात में गाली देने कि आदत हो।
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किसी से झगड़ा होने पर उससे बात करने या किसी वस्तु के लेन-देन का माध्यम बच्चे को ना बनाएं।
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बच्चे से किसी को गलत बात भी मत कहलवाएं। इससे बच्चे बदजुबान हो जाते हैं।