प्रेरणा
अपने चाचा की कैंसर से हुई मौत 16 साल के छात्र और शोधकर्ता एंड्रेका को इसका सस्ता इलाज ढूंढने के लिए प्रोत्साहित किया। जैक कहते है ”कैंसर के 85 प्रतिशत मामलो का इलाज संभव है, बशर्ते सही समय पर इनका पता चल जाए।”
जैक के अनुसार “जब मैंने अपनी प्रयोगशाला में प्रयोग शुरू किए थे तो लगभग पूरी मैडीकल बिरादरी मेरे खिलाफ हो गई थी। वे कहते थे कि यह बेकार की बाते है और 16 साल स्कूली लड़के का प्रयोग कभी सफल नही होगा।”
लेकिंन जैक इससे निराश नही हुए और अपनी कोशिशें जारी रखी। फिर उन्होंने एक ब्लड टैस्ट खोज निकला जिसके जरिए खून के नमूने को एक खास तरह के कागज पर एक खास तरह की प्रोटीन में बदलाव टैस्ट किया जाता है।
सस्ता टैस्ट खोजा
वह कहते हैं, ”मेरे टैस्ट से अभी तक के नतीजे लगभग 100 प्रतिशत सही मिले हैं। ये मौजूदा टैस्ट के मुकाबले 168 गुना तेज है और 26 हजार गुना सस्ता है। बीएस टैस्ट से पहले मरीज को पांच मिनट तक दौड़ना पड़ता है।”
यही नही, मौजूदा टैस्ट के मुकाबले यह 400 गुना संवेदनशील भी है। जहां अब तक होता आ रहा टैस्ट 800 डॉलर में होता है और इसमें 30 प्रतिशत गलती की गुंजाइश रहती है, वहीं जैक के टैस्ट का मूल्य मात्र तीन सैंट है।
संधर्ष
उसे यह कामयाबी आसानी से नहीं मिली। अपने विचार परखने के लिए उन्हें एक लैब की जरूरत थी। उन्होंने बजट, बनाकर 200 शोधकर्ता को भेजी।
199 शोधकर्ताओं ने इसे निरस्त कर दिया लेकिन जॉन हॉपकिंस स्कूल ऑफ़ मैडिसिन के एक डायरैक्टर ने इसके लिए हामी भर दी।
एंड्रेका ने यहां अपने प्रयोग शुरू किए। उन्होंने छोटी-सी डीप-स्टिक, फिल्टर पेपर और बिजली के प्रतिरोध को मापने वाले एक उपकरण तैयार किया जिससे यह टैस्ट पाना संभव हुआ। अब उन्होंने इसका अंतर्राष्ट्रीय पेटैंट भी हासिल कर लिया है।