Christmas Eve - Planning Christmas Eve & Ideas

क्रिसमस की परंपरा: ईसाई धर्म में

क्रिसमस का त्योहार प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन को बड़ा दिन भी कहते हैं। दुनिया में विभिन्न जाति एवं धर्म के लोग हैं। विभिन्न धर्मों के अनुयायी विभिन्न त्योहार मनाते हैं। हिन्दू धर्म में जो स्थान दिवाली, दशहरा जैसे त्योहारों का है, वही स्थान ईसाई धर्म में क्रिसमस का है।

* जर्मनी से आई क्रिसमस वृक्ष की परंपरा:

क्रिसमस डे के दिन लगभग सभी ईसाई लोग अपने घर क्रिसमस वृक्ष सजाते हैं। बताते हैं कि यह परंपरा जर्मनी से प्रारंभ हुई।

क्रिसमस का त्योहार प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन को बड़ा दिन भी कहते हैं। दुनिया में विभिन्न जाति एवं धर्म के लोग हैं। विभिन्न धर्मों के अनुयायी विभिन्न त्योहार मनाते हैं। हिन्दू धर्म में जो स्थान दिवाली, दशहरा जैसे त्योहारों का है, वही स्थान ईसाई धर्म में क्रिसमस का है।

* जर्मनी से आई क्रिसमस वृक्ष की परंपरा:

क्रिसमस डे के दिन लगभग सभी ईसाई लोग अपने घर क्रिसमस वृक्ष सजाते हैं। बताते हैं कि यह परंपरा जर्मनी से प्रारंभ हुई।

सदाबहार फर को क्रिसमस वृक्ष के रूप में सजाया जाता है। बताया जाता है कि जब ईसा का जन्म हुआ, तो देवता उनके माता-पिता को बधाई देने पहुंचे। इन देवताओं ने एक सदाबहार वृक्ष को सितारों से सजाकर प्रसन्नता व्यक्त की। इसके बाद यह वृक्ष क्रिसमस वृक्ष का प्रतीक बन गया।

* क्रिसमस वृक्ष को सजाने के साथ-साथ कई स्थानों पर इस वृक्ष के ऊपर देवता की प्रतिमा लगाई जाती है। इंग्लैंड इनमें प्रमुख है।

प्रतिमा लगाने की यह परंपरा राजकुमार एलबर्ट ने इंग्लैंड के विंडसर कैसल में क्रिसमस वृक्ष को सजवा कर उसके ऊपर दोनों हाथ फैलाए एक देवता की मूर्ति लगवाई। तब से यह परंपरा चल पड़ी।

Check Also

Narsimha Jayanti - Hindu Festival

Narsimha Jayanti: Date, Celebrations, Coloring Pages, Greetings

Narsimha Jayanti – Narsingh Chaturdashi or Narsimha Chaturdashi is mainly observed to celebrate victory of …