ईस्टर संडे की दिलचस्प परम्पराएं: ईसाई धर्म के सबसे बड़े पर्वों में एक पर्व है ‘ईस्टर‘। मान्यताओं: अनुसार गुड फ्राइडे के तीसरे दिन यानी अगले संडे को ईसा मसीह दोबारा जीवित हो गए थे। इस घटना को ही ‘ईस्टर संडे (Easter Sunday)’ के रूप में मनाते हैं। ईसा मसीह अपने शिष्यों के लिए वापस आए और 40 दिनों तक उनके बीच जाकर उपदेश देते रहे।
ईसाई धर्म की कुछ मान्यताओं के अनुसार ‘ईस्टर (Easter)’ शब्द की उत्पत्ति ‘ईस्त्र (Eostre)’ शब्द से हुई है।
ईस्टर संडे की दिलचस्प परम्पराएं: Easter Sunday Interesting Traditions
क्या है ‘ईस्टर अंडे’ का महत्व?
बच्चों को इस दिन ‘ईस्टर एग्स (Easter Eggs)’ यानी अंडों को सजाने तथा उससे जुड़ी परम्पराएं विशेष रूप से आकर्षित करती हैं।
‘ईस्टर‘ में अंडे का खास महत्व है क्योंकि जिस तरह से चिड़िया सबसे पहले अपने घोंसले में अंडा देती है और उसके बाद उसमें से चूजा निकलता है, ठीक उसी तरह अंडे को एक शुभ प्रतीक माना जाता है और ‘ईस्टर‘ में खास तरीके से इसका इस्तेमाल किया जाता है।
कहीं अंडों पर पेंटिंग करके तो कहीं दूसरे रूप में सजाकर इसे गिफ्ट के रूप एक-दूसरे को दिया भी जाता है। इसे एक शुभ संकेत माना जाता है जो लोगों को अच्छा जीवन जीने के लिए नई उमंग से भरने का संदेश देता है।
अन्य दिलचस्प परम्पराएं
इस्टर कौ कई परम्पराएं बच्चों में विशेष रूप से लोकप्रिय हैं। ये परम्पराएं सदियों से चली आ रही हैं।
माना जाता है कि अंडों कौ सजावट की परम्परा कम से कम 73वीं शताब्दी की है जबकि ‘ईस्टर परेड‘ उससे भी पहले से हो रही है। कुछ अन्य परम्पराएं जैसे कि ‘ईस्टर कैंडी‘ आधुनिक दौर की परम्पराएं हैं।
‘ईस्टर बनी’
इसके सबसे प्रमुख प्रतीक ‘ईस्टर बनी (Easter Bunny)’ (खरगोश) को कथित रूप से अमरीका में बसे जर्मन प्रवासियों ने लोकप्रिय किया था।
उनकी मान्यता थी कि लम्बे कानों और छोटी पूंछ वाले खरगोश ‘ईस्टर’ वाले दिन अच्छे बच्चों को सजाए हुए सुंदर अंडे उपहार में देते हैं।
वास्तव में खरगोश हमेशा से नवजन्म तथा नए जीवन के प्रतीक रहे हैं।
कुछ स्रोतों के अनुसार ‘ईस्टर बनी’ की परम्परा पहली बार 700 के दशक में जर्मन प्रवासियों के साथ अमरीका पहुंची। पैन्सिलवेनिया (Pennsylvania) में बसे इन लोगों ने ‘ओस्टरहेस‘ या ‘ऑस्चर हॉस‘ नामक रंगीन अंडे देने वाले खरगोश की अपनी परम्परा को जारी रखा। इन परिवारों के बच्चे घोंसले बनाते थे ताकि यह काल्पनिक जीव वहां रंगीन अंडे दे सके और जल्द ही यह परम्परा पूरे अमरीका में लोकप्रिय होने लगी।
वक्त के साथ ईस्टर पर बच्चों को रंगीन अंडों के अलावा चॉकलेट तथा अन्य प्रकार की कैंडी व अन्य उपहार देने की परम्परा भी शुरू हो गई और सजाई हुई टोकरियों ने घोंसले का स्थान ले दिया।
इसके अतिरिक्त बच्चे अक्सर खरगोश के लिए गाजर छोड़ देते हैं, ताकि थकने के बाद इनसे वे अपनी भूख मिटा सकें।
रोचक तथ्य: Interesting Facts
- क्या आप जानते हैं कि अब तक का सबसे बड़ा ‘ईस्टर अंडा’ 25 फुट ऊंचा और 3628 किलो से अधिक वजनी था। इसे चॉकलेट और मार्शमैलो (एक तरह की टॉफी) से बनाया गया था जिसके भीतर सहारे के लिए एक स्टील का फ्रेम था।
- छुपाये हुए ‘ईस्टर अंडों‘ की तलाश तथा अंडों को लुढ़काना इस उत्सव से जुड़ी दो लोकप्रिय परम्पराएं हैं।
- अमरीका के राष्ट्रपति निवास व्हाइट हाऊस में हर साल ईस्टर के अगले दिन यानी सोमवार को ‘ईस्टर एग रोल‘ नामक एक रोमांचक दौड़ का आयोजन होता है जिसमें बच्चे ‘व्हाइट हाऊस‘ के बगीचे में सजाए हुए उबले अंडों को लुढ़काते हैं।
- ‘व्हाइट हाऊस‘ का पहला आधिकारिक ‘एग रोल‘ 1878 में हुआ था जब रदरफोर्ड बी. हेस राष्ट्रपति थे।