Hazrat Ali Birthday: Hazrat Ali is a Muslim religious dignitary who is held in high esteem by the Islamic community across India and beyond. Born in 1238 to Abu Talib in the Kabba sanctuary, Hazrat Imam Ali was blessed by Prophet Mohammad who was also his father-in-law. During this period, Muslims belonging to the Chishti community offer their due respect to the legendary Sufi saint.
Ali is respected for his knowledge, courage, belief, honesty, deep loyalty to Muhammad, unbending devotion to Islam and equal treatment of all Muslims. He was also known for his generosity since he believed in forgiving his defeated enemies. He left for his heavenly abode on the day of Ramadan on 40th Hijrah and people from then until now follow his sayings sincerely though several centuries have passed by.
Ali ibn Abi Talib (600 – 661 CE) was the last of four Rightly Guided Caliphs to rule Islam (r. 656–661) immediately after the death of Muhammad, and he was the first Shia Imam. The issue of succession caused a major rift between Muslims and divided them into two major branches: Shia following an appointed hereditary leadership among Ali’s descendants, and Sunni following political dynasties. Ali’s assassination in the Grand Mosque of Kufa by a Kharijite coincided with the rise of the Umayyad Caliphate. The Imam Ali Shrine and the city of Najaf were built around Ali’s tomb and it is visited yearly by millions of devotees.
Ali was a cousin and son-in-law of Muhammad, raised by him from the age of 5, and accepted his claim of divine revelation by age 11, being among the first to do so. Ali played a pivotal role in the early years of Islam while Muhammad was in Mecca and under severe persecution. After Muhammad’s relocation to Medina in 622, Ali married his daughter Fatima and, among others, fathered Hasan and Husayn, the second and third Shia Imams.
Hazrat Ali Birthday Celebrations
Hazrat Ali is regarded as one of the pioneers who revived the Muslim culture and traditions to the core by spreading a unique message all over the world. He is considered a messiah of luck and every Muslim household is grandly adorned with glittering lights and beautiful flowers on his birthday. People offer their sincere prayers to the imam on this day to seek his blessings. All the mosques across the country are filled with people who remember the great sacrifice of this legendary soul.
Muslims across the world consider Hazrat Ali as the true heir to The Holy Prophet because of the wealth of knowledge he possessed. In fact, he is regarded as the perfect descendant because of the way he conducted his life. Not only this, he strived hard to spread Islamic values that he learnt from the prophet to all other people. Alternatively, Hazrat Ali proved to be a great philosopher throughout his life. As far as his family is concerned, enough evidence has been obtained about his brother who was named Jamaluddin; however, there is no reason mentioned anywhere why Hazrat Ali remained unmarried.
Several legendary personalities were his disciples and others who refrained such as Qutb-ud-din Mubarak Shah were killed. Perhaps, he was the ultimate ruler of Khilji dynasty to represent the Delhi sultanate after which it was dethroned. During his 70 years of active representation of the Sufi sect, he became responsible for the development of several branches due to which it was possible to spread Islamic beliefs, traditions and values all over India. This is the another reason why people remember him with great respect and offer their tribute to the legendary Sufi saint.
During his iconic and influential life reflecting the entire Muslim community across India, Hazrat Ali became immensely popular with the spread of knowledge through Chishti Nizami order in an effective manner. After casting his unique spell across the nation, he was able to maintain his own group of disciples who were highly crucial in spreading his knowledge and teachings. People in India celebrate the birthday of Hazrat Imam Ali with great respect and honor due to the services he rendered to the Islamic religion on the whole.
Hazrat Ali Birthday: हजरत अली कौन हैं? कैसे बने वो मुसलमानों के खलीफा, जानें 5 खास बातें
मुसलमानों के चौथे खलीफा के रूप में जाने जाते हैं हजरत अली, इनका असली नाम है अली इंबे अबी तालिब। आज हजरत अली का जन्मदिन है। आज के दिन सभी मुसलमान एक-दूसरे हजरत अली के जन्मदिन की बधाई देते हैं और उनके द्वारा कहे गए वचनों को याद करते हैं। हजरत अली लोगों को शांति और अमन का पैगाम दिया करते थे. वह आवाम तक अपने शद्बों से बताया करते थे कि इस्लाम कत्ल और भेदभाव करने के पक्ष में नहीं, अपने शत्रु से प्रेम करो इससे वो एक दिन मित्र बन जाएगा। उनका कहना है कि अत्याचार करने वाला ही नहीं उसमें सहायता करने वाला और अत्याचार से खुश होने वाला सभी अत्याचारी ही हैं।
हजरत अली के जन्मदिन (Hazrat Ali Birthday) के दिन इस्लाम धर्म से जुड़े लोग अपने घरों को सजाते हैं, सभी दोस्तों और परिवार वालों के साथ मिलकर दावत खाते हैं। साथ ही हजरत अली के किस्सों को एक-दूसरों को सुनाते हैं। इनका जन्मदिन सिर्फ भारत या पाकिस्तान में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में मनाया जाता है. यहां जानें हजरत अली से जुड़ी कुछ बेहद ही खास बातें।
- हजरत अली का जन्म सउदी अरब में स्थित मक्का शहर में हुआ। उनके पिता का नाम अबु तालिक और माता का नाम फातिमा बिंत असद था। और, वह मक्का मदीना में पैदा हुए एकलौते व्यक्ति हैं।
- हजरत अली को पहला मुस्लिम वैज्ञानिक भी माना जाता है, क्योंकि वह आम लोगों पर विज्ञान से जुड़ी जानकारियों को बहुत ही रोचक ढंग से पहुंचाया करते थे।
- हजरत अली सुन्नी समुदाय के आखिरी राशिदून और शिया समुदाय के पहले इमाम थे।
- वह खाने में हमेशा जौ की रोटी और नमक या फिर दूध खाते थे।
- नमाज़ के दौरान हजरत अली की हत्या की गई थी, बावजूद उसके उन्होंने अपने कातिल को माफ करने की बात कही।
हजरत अली के अनमोल वचन: “सब्र से जीत तय हो जाती है” पढ़ें उनके 15 शानदार विचार
हजरत अली का असली नाम अली इंबे अबी तालिब था। उन्हें मुसलमानों के चौथे खलीफा के रूप में जाना जाता है। इसके साथ ही उन्हें पहला मुस्लिम वैज्ञानिक भी माना जाता है, क्योंकि वह आम लोगों पर विज्ञान से जुड़ी जानकारियों को बहुत ही रोचक ढंग से पहुंचाया करते थे। इस जानकारी के अलावा हजरत अली लोगों को शांति और अमन का पैगाम दिया करते थे। वह आवाम तक अपने शब्दों से बताया करते थे कि इस्लाम कत्ल और भेदभाव करने के पक्ष में नहीं, अपने शत्रु से प्रेम करो इससे वो एक दिन मित्र बन जाएगा। उनका कहना है कि अत्याचार करने वाला ही नहीं उसमें सहायता करने वाला और अत्याचार से खुश होने वाला भी अत्याचारी ही हैं।
यहां पढ़ें हजरत अली द्वारा कहे गए 15 अनमोल वचन, जिन्हें पढ़कर आप भी उनकी शख्सियत को सराहने लगेंगे।
नेक लोगों की सोहबत से हमेशा भलाई ही मिलती है क्योंकि हवा जब फूलों से गुज़रती है तो वो भी खुशबुदार हो जाती है |
चुगली करना उसका काम होता है जो अपने आप को बेहतर बनाने में असमर्थ होता है |
कभी भी किसी के पतन को देखकर खुश मत हो क्योंकि तुम्हें पता नहीं है भविष्य में तुम्हारे साथ क्या होने वाला है |
सूरत और सीरत (चरित्र) में सबसे बड़ा फर्क ये है कि सूरत धोखा देती है जबकि सीरत पहचान करवाती है |
आज का इंसान सिर्फ दौलत को खुशनसीबी समझता है और ये ही उसकी बदनसीबी है |
शरीर की पुष्टि भोजन है जबकि आत्मा की पुष्टि दूसरों को भोजन करानें में है |
जो दुनिया में विश्वास रखता है दुनिया उसे धोखा देती है |
सब्र से जीत तय हो जाती है |
महान व्यक्ति का सबसे अच्छा काम होता है माफ कर देना और भुला देना |
कम खाने में सेहत है कम बोलने में समझदारी है और कम सोने में इबादत है |
जिसको तुमसे सच्चा प्रेम होगा वह तुमको व्यर्थ और नाजायज़ कामों से रोकेगा |
मुसीबतों से दुखी ना हो क्योंकि दुखी होना मूर्खों का काम है |
ज़िल्लत उठाने से बेहतर है तकलीफ उठाओ |
इख्तियार, ताकत और दौलत ऐसी चीजें हैं जिनके मिलने से लोग बदलते नहीं बेनकाब होते हैं |
अगर दोस्त बनाना तुम्हारी कमज़ोरी है तो तुम दुनिया के सबसे ताकतवर इंसान हो |