पत्नियों का बर्गीकरण
2.आक्रामक पत्नी – यह प्रजाति भारत सहित पूरे विश्व में बहुत अधिक मात्रा में पायी जाती हैं। ये अपनी आक्रामक शैली,एवं तेज प्रहार के लिए जानी जाती हैं। समय आने पर ये बेलन, झाड़ू और चरण पादुकाओं का उपयोग अधिक करती हैं।
3.झगडालू पत्नी – यह प्रजाति भी वर्तमान में सभी जगह (Omnipresent)पाई जाती हैं। इन्हें जोर से बोलना और झगडा करना अत्यंत पसंद है। इनका अधिकतर सामना “सास” नामक एक और अत्यंत खतरनाक प्राणी से होता है।
4.खर्चीली पत्नी – भारत जैसे गरीब देश में भी पत्नियों की ये प्रजाति निरंतर बढती जा रही है। इनकी मुख्य आदतों में क्रेडिट कार्ड रखना,बिना विचार किये खर्च करना और बिना जरूरत वस्तुएँ खरीदना है। इस प्रजाति के साथ पति नामक प्राणी को चप्पल में थका हुआ पीछे पीछे घूमते देखा जा सकता है।
5.नखरीली पत्नी – इस प्रजाति के प्राणी अधिकतर आइने के सामने देखी जाती हैं। इनके होंठ रक्त के सामान लाल, नाख़ून बड़े बड़े (चुड़ैल की तरह), केश सतरंगी और चेहरा श्वेत पाउडर से लिपा होता है। इन्हें भोजन शाला में जाना और काम करना नापसंद होता है।
बीवियों के प्रकार
1.आलसी बीवी:
खुद जाकर चाय बना लो और एक कप मुझे भी दे देना।
2.धमकाने वाली बीवी:
कान खोलकर सुन लो, या तो इस घर में तुम्हारी माँ रहेगी या मैं …
3.इतिहास-पसंद बीवी:
सब जानती हूँ तुम्हारा खानदान कैसा है …
4.भविष्य-वाचक बीवी:
अगले साथ जन्मो तक मेरे जैसी बीवी नहीं मिलेगी …
5.भ्रमित बीवी:
तुम आदमी हो या पजामा ?
6. स्वार्थी बीवी:
ये साड़ी मेरी माँ ने मुझे पहनने को दी है तुम्हारी बहनों के लिए नहीं ..
7. शक्की बीवी:
मेरी कौन सी सौतन से फ़ोन पर बात कर रहे थे?
8.अर्थशास्त्री बीवी:
कौन सा कुबेर का खजाना कमा ले आते हो जो रोज़ पनीर खिलाऊँ?
9.धार्मिक बीवी:
शुक्र करो भगवान् का जो मेरे जैसी बीवी मिली …
10.कुंठाग्रस्त बीवी:
मेरे नसीब में तुम ही लिखे थे?
आखिरी गुरू
पुरूष का आखिरी गुरू
उसकी पत्नी होती है।
उसके बाद उसे न तो कोई ज्ञान की आवश्यकता होती है और न ही कोई ज्ञान काम आता है।
भाषा का फर्क
अगर पत्नी को हिंदी में कहो कि
तुम हत्यारिन लग रही हो.
तो दो दिनों तक खाना नहीं मिलेगा
लेकिन अगर आपने उर्दू में कहा कि
कातिल लग रही हो
तो शाम की चाय भी पकोड़ों के साथ मिलेगी
और अगर आपने इंग्लिश मैं बोल दिया बेबी यु आर लुकिंग किलर तब तो डिनर आपकी ही पसंद का बनेगा
दारू चीज़ ही ऐसी है
नदी के किनारे पहुंचने के बाद मछली पकड़ने गये आदमी को मालूम पड़ा कि वो मछलियों के लिए चारा लाना तो भूल ही गया। तभी उसने एक छोटे से सांप को वहां से गुज़रते देखा जो अपने मुंह में एक कीड़ा पकड़े हुआ था।
आदमी ने सांप को पकड़ा और उसके मुंह से वह कीड़ा छीन लिया। लेकिन यह सोचकर कि बेचारे सांप के पास खाने को कुछ नहीं है उसे थोड़ा बुरा लगा और उसने फिर से सांप को पकड़ा और उसके मुंह में थोड़ी दारू टपका दी कि चलो यह थोड़ा ग़म भूल जाएगा। फिर वो मछली पकड़ने में जुट गया।
करीब एक घण्टे बाद आदमी को लगा कि कोई उसकी पैंट हल्के से खींच रहा है। नीचे देखने पर उसने उसी सांप को पाया जो मुंह में तीन कीड़े पकड़े हुआ था और बड़ी आशा से उसकी तरफ़ देख रहा था।
एक विनती
शादीशुदा आदमी को अप्रेल – फूल न बनाएँ
क्योंकि उसे ससुराल वालों ने पहले ही बना दिया है।
:जनहित में जारी:
अखिल भारतीय ससुराल पीड़ित दामाद संघ
ग़लतफ़हमी की हद
दो महिलाएँ आपस में बात कर रही थी-
पहली: मेरे मन में कई दिनसे एक बात उठ रही है…
दूसरी: वो क्या बहन?
पहली: आदमी कोई उपवास नहीं करता, फिर भी उसको हम जैसी सुशील, शांत और आज्ञाकारी पत्नी कैसे मिल जाती है?
Santa banie ke ladake ki shaadi mein gaya,
lekin koi kuchh khaane ko de hi nahin raha tha,
baar baar paani gilaas mein bharakar pilaaya ja raha tha,
khaane ke intajaar mein santa 12 gilaas paani pi chooka tha,
thakakar vetar se bola,
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Santa – Bhai thodi birayaani milegi, paani jara gale mein atak gaya hai.