हिरणो की यूँ तो दुनिया भर में कई प्रजातियां मिल जाती हैं किन्तु ‘
कर्दम हिरण‘ सिर्फ भारत में ही पाये जाते हैं। अलग – अलग क्षेत्रों में पाये जाने वाले कर्दम कर्दम हिरणों के सींगो की बनावट अलग-अलग तरह की होती है। सामान्यत: एक कर्दम हिरण के सींगो में 10 से 14 तक शाखाएं निकली होती हैँ किन्तु किसी-किसी कर्दम हिरण के सींगो में इन शाखाओं की संख्या 20 तक भी मिल जाती है। मध्य प्रदेश में कठोर खुले मैदानों में पाये जाने वाले कर्दम हिरणों के खुर जहाँ छोटे और कसे हुए होते हैँ, वहीँ असम और सुंदरवन तथा उत्तर प्रदेश के तराई वाले भागों में पाये जाने वाले कर्दम हिरणों के खुर चौड़े व चपटे तथा बाहर की और निकले होते हैँ। इनकी खोपड़ी भी मध्य प्रदेश के कठोर मैदानों में पाये जाने वाले हिरणों की अपेक्षा थोड़ी बड़ी होती है। कर्दम हिरणों की सुनने व देखने की शक्ति जहाँ कुछ कमजोर होती है, वहीँ इनकी सूंघने (घ्राण) की शक्ति बड़ी तेज होती है।