Beetroot — Sugar beet (Beta vulgaris L.), a member of the Chenopodiaceae family, is a plant whose root contains a high concentration of sucrose. It is grown commercially for sugar.
Species: | Beta vulgaris |
Subspecies: | Beta vulgaris subsp. vulgaris |
Cultivar group: | Conditiva Group |
Origin: | Sea beet (Beta vulgaris subsp. maritima) |
Cultivar group members: | Many |
Beetroot: Plant Encyclopedia
The sugar beet is directly related to the beetroot, chard and fodder beet, all descended by cultivation from the sea beet.
The European Union, the United States, and Russia are the world’s three largest sugar beet producers, although only the European Union and Ukraine are significant exporters of sugar from beet. Beet sugar accounts for 30% of the world’s sugar production.
In the United States, genetically modified Sugar Beets resistant to glyphosate, (marketed by Monsanto as Roundup) a herbicide, are slated to be planted for the first time in the Spring of 2008. Sugar from the biotechnology-enhanced sugar beet has been approved for human and animal consumption in the European Union. This action by the EU executive body allows unrestricted imports of food and feed products made from (H7-1) glyphosate-tolerant (Roundup Ready) sugarbeets.
Sugar beet is a hardy biennial plant that can be grown commercially in a wide variety of temperate climates. During its first growing season, it produces a large (1–2 kg) storage root whose dry mass is 15 – 20% sucrose by weight. If not harvested, during its second growing season, the nutrients in this root are consumed to produce the plant’s flowers and seeds. In commercial beet production, the root is harvested after the first growing season, when the root is at its maximum size.
दिल, दिमाग को चुस्त और तंदुरुस्त रखता है ‘चुकंदर’
आपकी फिटनैस और सेहत का चाहे जो भी स्तर हो, इसे बेहतर करने के लिए चुकंदर सर्वोत्तम उपाय हो सकता है। यह कंदमूल न केवल आपकी मजबूती में सुधार कर सकता है, बल्कि आपको तेजी से दौड़ने में भी मदद कर करता है।
साथ ही इसके कई और फायदे हैं, जैसे – यह बढ़ती उम्र में ब्लड प्रैशर को नियंत्रित रखते हुए आपके मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में भी मददगार होता है।
लेकिन अब इसके नए सबूत सामने आने लगे हैं, जो इसके असाधारण लाभ को उजागर करने लगे हैं और यही वह कारण है कि इसे हमें अपने नियमित आहार में शामिल करना चाहिए। चलिए जानते हैं उन सबसे असरकारक वजहों को, जो चुकंदर के बड़े फायदे बताती हैं।
बीटालेंस की एंटीऑक्सीडैंट ताकत
चुकंदर (Beetroot) को बीटालेंस कहा जाने वाला प्राकृतिक पिगमैंट एक गहरा मजबूत रंग देता है, यह इसे एंटीऑक्सीडैंट बनने की बड़ी ताकत प्रदान करता है। इटली में कुछ साल पहले किए गए शोध में पता चला कि चुकंदर कोलन कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करने में सक्षम है लेकिन केवल बीटालेंस ही इसकी जादुई ताकत नहीं है। हालांकि, बड़ी मात्रा में नाइट्रेट का सेवन अच्छा नहीं होता पर जब चुकंदर जैसी सब्जियों में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले नाइट्रेट को खाते हैं तो यह स्वास्थ्यवर्धक होता है | चुकंदर की खूबी है कि यह नाइट्रेट्स से १४४ र होता है। जब हम चुकंदर खाते हैं तो हमारे मुंह में बैक्टीरिया नाइट्रेट को नाइट्रिक ऑक्साइड में बदलना शुरू कर देते हैं। यह वह शक्तिशाली तत्व है, जो हमारे शरीर पर कई लाभदायक प्रभाव डालता है।
ब्रिटेन की एक्सेटर अवसित केप्रोफैसरएंडी एथलीटों के प्रदर्शन पर 10 वर्षों तक शोध कर चुके हैं। वह बताते हैं, “नाइट्रिक ऑक्साइड” ‘वैसोडिटेलटर’ है।यह खून की नली को चौड़ी करता है। इससे खून आसानी से बह पाता है।यह शरीर की कोशिकाओं में समुचित आक्सीजन को पहुंचाने का काम करता है।
कामोत्तेजना के लिए भी नाइंट्रिक ऑक्साइड का पर्याप्त स्तर आवश्यक है और रोमन लोगों द्वारा चुकंदर के रस को इस्तेमाल किए जाने को इससे जोड़ कर देखा जाता है। हालांकि, अब तक किसी शोध ने ऐसा नहीं बताया कि चुकंदर के रस का प्रभाव वियाग्रा के समान होता है।
हार्ट और ब्लड प्रैशर पर असर
एक शोध से पता चला कि कुछ हफ्ते तक अगर दिन में दो चुकंदर खाए जाएं तो ब्लड प्रैशर में औसतन पांच मिलीमीटर तक गिरावट आ सकती है।
मस्तिष्क के लिए सर्वोत्तम आहारों में से एक
चुकंदर हमारे मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को बढ़ाने में भी मददगार हो सकता है। एक शोध में पाया गया कि अगर हम व्यायाम करने के साथ-साथ चुकंदर के रस का सेवन करें तो मस्तिष्क के उस हिस्से में कनैक्टिविटी बढ़ सकती है, जो हमारे शरीर के हिलने-डुलने को नियंत्रित करता है। ऐसा करने से मस्तिष्क का वह हिस्सा युवा वयस्कों की तरह हो सकता है। दूसरे शब्दों में कहें तो चुकंदर का रस आपके मस्तिष्क को युवा बनाए रखने में मदद कर सकता है।
चुकंदर (Beetroot) के गुण नष्ट न हों इसके लिए क्या करें?
चुकंदर को पकाते समय सावधानी बरतें और इसे उबाले गए पानी को न फैंकें क्योंकि नाइट्रेट पानी में घुलमशील होते हैं। अगर पानी को फैंक दिया तो अधिकांश नाइट्रेट को खो देंगे और उसका लाभ नहीं मिल पाएगा। तो अगर चुकंदर का अधिकतम स्वास्थ्य लाभ लेना चाहते हैं तो इसे कच्चा खाएं या भून कर खाएं अथवा इसका जूस पीएं तो सबसे बेहतर।