- उड़ान क्षमता: अपाचे हैलीकॉप्टर एक बार में पौने 3 घंटे तक उड़ सकता है
- फ्लाइंग रेंज: करीब 550 किलोमीटर
- विशेष राडार: इसमें 360 डिग्री तक घूम सकने वाला अत्याधुनिक फायर कंट्रोल राडार निशान साधने वाला सिस्टम लगा है
- इंजन: दो जनरल इलैक्ट्रिक टी-700 हाई परफार्मैंस टर्बोशाफ्ट इंजनों से लैस
- अंधेरे में भी उड़ सकता है: आगे की ओर एक सैंसर है जिससे यह रात के अंधेरे में भी उड़ान भर सकता है
एयरफोर्ड डे 8 अक्तूबर:
भारतीय वायु सेना की स्थापना 8 अक्तूबर, 1932 को अविभाजित भारत में की गई थी जो ब्रिटिश शासन के अधीन था। इसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान किंग जॉर्ज षष्ठम द्वारा ‘रॉयल इंडिय एयरफोर्स’ नाम दिया गया था। बाद में ‘रॉयल’ 1950 में हटा दिया गया जब भारत एक गणतंत्र बन गया। सैनिकों तथा विमानों के मामले में भारतीय वायु सेना विश्व में चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है। भारतीय वायुसेना के सुप्रीम कमांडर देश के राष्ट्रपति होते हैं। वायुसेना के प्रमुख को एयर चीफ मार्शल कहते हैं। वर्तमान एयर चीफ मार्शल हैं राकेश कुमार सिंह भदौरिया। देश की स्वतंत्रता के बाद से अब तक भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान तथा चीन के साथ युद्ध में अदम्य साहस का प्रदर्शन किया था। इसके अलावा भी अनेक सैन्य तथा असैन्य अभियानों में वायुसेना ने बढ़-चढ़ कर योगदान दिया है।
हाल ही में भारतीय वायुसेना में 8 ‘Boeing AH-64 Apache Helicopter’ शामिल किए गए हैं जिसे दुनिया के सबसे खतरनाक हैलीकॉप्टरों के रूप में जाना जाता है।
अमरीकी एयरोस्पेस कम्पनी ‘बोइंग’ द्वारा निर्मित ‘अपाचे हैलीकॉप्टर’ दुनिया का सबसे आधुनिक और घातक हैलीकॉप्टर माना जाता है, जो ‘लादेन किलर’ के नाम से भी विख्यात है। यह अमरीकी सेना तथा कई अन्य अंतर्राष्ट्रीय रक्षा सेनाओं का सबसे ‘एडवांस मल्टी रोल काम्बैट हैलीकॉप्टर’ यानी यह साथ कई कार्यों को अंजाम दे सकता है।
2 पायलट उड़ाते हैं इसे:
करीब 16 फुट ऊंचे एवं 18 फुट चौड़े तथा 5165 किलोमीटर वजनी अपाचे को उड़ाने के लिए 2 पायलट होना जरूरी है। इसके बड़े परों को चलाने के लिए इसमें दो इंजन फिट हैं जिस कारण इसकी रफ्तार बहुत ज्यादा है।
जमीन के काफी करीब उड़ान भरने में कारगर, हवा से जमीन में मार करने वाली मिसाइलों और बंदूकों से लैस, सिर्फ 1 मिनट में 128 टार्गेट निशाना बनाने तथा दिन के अलावा रात में भी आसानी से कहीं भी जाने में सक्षम किसी भी मौसम में उड़ान भरने तथा आसानी से टार्गेट डिटैक्ट करने में सक्षम, दुश्मन के राडार को आसानी से चकमा देने में माहिर इत्यादि अनेक खूबियों से लैस अपाचे पहली बार वर्ष 1975 में आकाश में उड़ान भरता नजर आया था जिसे 1986 में अमरीकी सेना में शामिल किया गया था।
यह किसी भी मौसम या किसी भी स्थिति में दुश्मन पर हमला कर सकता है और नाइट विजन सिस्टम की मदद से रात में भी दुश्मनों की टोह लेने, हवा से जमीन पर मार करने वाले राकेट दागने और मिसाइल आदि ढोने में सक्षम है। लक्ष्य का पता लगाने और उस पर हमला करने के लिए इसमें लेजर, इंफ्रारैड, पायलट के लिए नाइट विजन सैंसर सहित कई आधुनिक तकनीकें दी गई हैं।
16 एंटी टैंक मिसाइले:
इसका सबसे खतरनाक हथियार है 16 एंटी टैंक मिसाइल छोड़ने की क्षमता। दरअसल इसमें हैलीफायर, स्ट्रिंगर मिसाइलें, 70 एम.एम. हाइड्रा एंट्री आर्मर रॉकेट्स लगे हैं और मिसाइलों के पेलोड इतने तीव्र विस्फोटकों से भरे होते हैं कि दुश्मन का बच निकलना नामुमकिन होता है। इसके वैकल्पिक ‘स्टिंगर’ या ‘साइडवाइंडर’ मिसाइल इसे हवा से हवा में हमला करने में सक्षम बनाते हैं।
अपाचे हैलीकॉप्टर के अन्य हथियार:
इसके नीचे दोनों तरफ 30 एम.एम. की दो आटोमैटिक राइफलें भी लगी हैं जिनमें एक बार में शक्तिशाली विस्फोटकों वाली 30 एम.एम. 1200 गोलियां भरी जा सकती हैं।
इसका सबसे क्रांतिकारी फीचर है इसका हैलमेट माऊंटेड डिस्प्ले, इंटीग्रेटेड हैलमेट और डिस्प्ले साइटिंग सिस्टम जिनकी मदद से पायलट हैलीकॉप्टर में लगी आटोमैटिक गन को अपने दुश्मन पर साध सकता है।