मिस्त्र की राजधानी कायरो के निकट विश्व का सबसे विशाल ऊंटों का बाजार है। कायरो में शुक्रवार का दिन आमतौर पर बेहद शांत और सुस्त होता है लेकिन 40 किलोमीटर दूर स्थित बिरकाश में यह दिन सबसे व्यस्त गुजरता है। 2 करोड़ की जनसंख्या वाले कायरो की भीड़-भाड़ से दूर इस कस्बे में मिस्र, सूडान तथा सोमालिया हजारों ऊंट बिकने के लिए पहुंचते हैं जिनके लेन-देन में यहां करोड़ो का करोबार होता है।
बाजार में एक पूर्ण विकसित ऊंट 1 लाख रुपए से भी मंहगा बिक सकता है। कई पशु व्यापारी इन्हें मुनाफा कमा कर बेचने के लिए खरीदते हैं। ताकि ऊंट भाग न सकें, ये लोग उनके एक पैर को मोड़ कर ऊपरी हिस्से से रस्सी बांध देते हैं। इसीलिए इस बाजार में ज्यादातर ऊंट बड़ी कठिनाई से 3 पैरों पर उछल कर चलते दिखाई देते हैं। एक पशु व्यापारी मोहम्म्द के अनुसार सबसे अच्छे ऊंट मिस्त्र से आते हैं और सबसे ज्यादा दूर से आने वाले ऊंट ही सबसे सस्ते होते हैं। दरअसल ये वे ऊंट होते हैं जिन्हें आमतौर पर सूडान या दक्षिण मिस्त्र के बाजारों में कोई खरीदार नहीं मिलता। इन्हें ट्रकों में ठूंस कर 24 घंटे ज्यादा के सफर पर बिरकाश भेज दिया जाता है। इस दयनीय स्थिति में इनमें से कुछ तो रास्ते में ही मर जाते जिन्हें सड़क किनारे ही छोड़ दिया जाता है।
बाजार में कम ही लोंगो में मन में इन ऊंटों के लिए दया दिखाई देती है। ट्रकों में लादने के लिए उन्हें डंडो से पीटना तथा उनके प्रति निर्यता दिखाना आम बातें हैं। मोहम्मद के अनुसार बाजार में ऐसे ऊंटों को केवल मांस से कही ज्यादा सस्ता है। इसे ज्यादातर गरीब मिस्त्र वासी खाते हैं, कायरों के महंगे रेस्तरांओं में आमतौर पर यह नहीं मिलता। ऐसे में इस बाजार में बिकने वाले कुछेक ऊंटों का जीवन ही लम्बा होता है। जिनका होता है, उन्हें काम पर लगाया जाता है या गैर-क़ानूनी रूप में आयोजित होने वाली ऊंट दौड़ में इस्तेमाल किया जाता है।