तेलंगाना के अदिलाबाद जिले के धर्माजीपेटा गांव की इस युवती के माता – पिता निर्माण मज़दूर थे। स्कूल तथा तेलंगाना के सरकारी समाज कल्याण हॉस्टल से इंटरमीडिएट के दौरान हमेशा से बेहद अच्छा प्रदर्शन करने वाली नरसाना के बेंगलूर की प्रतिष्ठित अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी में बी.एस. सी फिजिक्स में दाखिला पाने में सफलता दर्ज की है। उसने यह दाखिला देश भर में उपलब्ध 30 निःशुल्क सीटों में से एक पर प्राप्त किया है। इन सीटों पर दाखिला पाने वाले मेधावी छात्रों की पूरी फीस माफ़ होती है। नरसाना कहती है, “स्कूल में मुझे सिखाई गई प्रतियोगिता में आगे बढ़ने की ललक तथा मेरे कॉलेज ने इस लक्ष्य को हासिल करने में मेरी मदद की। मैं उच्च शिक्षा प्राप्त करना और शिक्षिका बनना चाहती हूँ।” नरसाना को इस सीट में दाखिला लिखित परीक्षा तथा साक्षात्कार के बाद मिला है। उसकी बेहद निर्धन पृष्ठभूमि को देखते हुए उसकी यह उपलब्धि वाकई काबिले तारीफ है। मुंबई में एक निर्माण स्थल पर दुर्घटना में 9 वर्ष पहले उसके पिता का निधन हो गया जिसके बाद उसकी माँ ने उसे तथा स्कूल में पढ़ने वाले उसके दो भाइयों को बेहद कठिनाई से पाला-पोसा। नरसाना ने एस. एस. सी. परीक्षा में 8. 8. ग्रेड प्राप्त किए। इंटर में गत वर्ष उसने 1000 में से 957 अंक प्राप्त करके जिले की समाज कल्याण छात्रों में प्रथम स्थान हासिल किया।
हालाँकि, यूनिवर्सिटी तक पहुंचना भी उसके लिए आसान नहीं था। उसके घर के हालात ऐसे थे और उनके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह नए कपड़े खरीद सके या बस का किराया दे सके।
तब समाज कल्याण आवासीय स्कूल के भूतपूर्व छात्रों की कमेटी ने उनकी मदद की। उसका किराया अदा किया और यूनिवर्सिटी में ठहरने के लिए भी फ़ंड उपलब्ध करवाए। अब उसे यूनिवर्सिटी की संतूर स्कालरशिप मिल गई है जिससे उसे प्रतिमाह 3 हज़ार रुपए का भत्ता मिल रहा है।