मंदिर जो अब ध्वस्त हो चुका है
अपने 2000 वर्ष पुराने रोमन युग अवशेषों, विशिष्ट ग्रीको रोमन भवन निर्माण कला जिस पर फारस का हल्का प्रभाव था, किलोमीटर लम्बी स्तंभवलियों, मंदिरों, ओपन एयर थिएटर तथा उत्कृष्ट प्रतिमाओं लिए सदियों से विश्व प्रसिद्ध पाल्मिरा गृह युद्ध से पूर्व प्रति वर्ष डेढ़ लाख अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया था। सीरिया में सरकार विरोधी ताकतों अग्रणी संगठन आई.एस. जो अलकायदा से भी अधिक घातक है, मध्य-पूर्व में कट्टर आतंकवाद के सर्वाधिक नए अवतार के तौर पर उभरा है। इसके लड़ाकों को न सिर्फ युद्ध भूमि में सर्वाधिक बर्बर या सीरिया में सर्वाधिक डरावने हत्यारों के तौर पर जाना जाता बल्कि सर्वाधिक भयावह मूर्ति भंजक तथा वहशी माना जाता है जिनकी इस्लाम तथा इतिहास संबंधी दृष्टि विकृत है।
आईएस द्वारा ध्वस्त आर्च ऑफ ट्रॉयम्फ
तालिबान द्वारा अफगानिस्तान के बामियान में युद्ध की प्रतिमा के नष्ट किए जाने की याद दिलाने वाली एक कार्रवाई में आई.एस. ने सैमिटीक (अरबी) देवता बालशामिन के 2000 वर्ष प्राचीन मंदिर तथा नजदीक ही स्थित 1800 वर्ष प्राचीन आर्च ऑफ ट्रॉयम्फ पर डायनामाइट फैंके तथा इन्हें जला कर नष्ट कर दिया। यूनैस्को मंदिर को नष्ट करने की घटना को युद्ध अपराध कहा था।
18 अगस्त, 2015 को पाल्मिरा की प्राचीन वस्तुओं संग्रह प्रमुख 82 वर्षीय खालिद अल असद का पूरे एक महीने की सार्वजनिक यातना के बाद रोमन थिएटर में सिर कलम दिया गया था और भयभीत विश्व देखता रह गया था। जिन यूरोपीय यात्रियों ने 17 वीं तथा 18 वीं शताब्दियों के दौरान पाल्मिरा के अवशेषों की पुनः खोज की थी उनकी रचनाओं के माध्यम से पाल्मिरा की प्रसिद्धि तथा प्रभाव सीरिया की सरहदों के पार तक फ़ैल गया था। रॉबर्ट वुड द्वारा लिखित ‘एनग्रेविंग्स ऑफ पाल्मिरा‘ पश्चिम की विभिन्न इमारतों में नियो क्लासिलक भवन निर्माण शैली की प्रमुख प्रेरणा बन गई थी जिनमें अमेरिका की कैपिटोल तथा व्हाइट हाऊस जैसी इमारते शामिल है। बी.बी.सी. ने इसे ‘शक्ति की भवन निर्माण कला को प्रेरित करने वाले अवशेषों’ की संज्ञा दी थी। आई.एस. द्वारा पाल्मिरा में किए गए प्रचंड नुक्सान तथा तबाही कारण विश्व भर के इतिहास, कला, भवन निर्माण कला तथा संस्कृति प्रेमियों गहरी बेचैनी तथा तथा पीड़ा पैदा हुई है।
हालिया महीनों में सीरियाई युद्ध परिवर्तन की लहरें देखने को मिली हैं। 27 मार्च, 2016 को पुनः शक्ति प्राप्त सीरियाई सरकारी बलों ने रूस की हवाई सहायता तथा अनथक प्रयासों से मजबूत स्थिति वाले आई.एस. को हरा रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर पाल्मिरा को पुनः अपने कब्जे में ले लिया है। यह वास्तव में ही मरुस्थल में गुम हुए स्वर्ग को पुनः प्राप्त करने जैसा था। सीरियाई लोगों तथा विश्व भर के लोगों को पहली बार महसूस हुआ की पुनर्निर्माण तथा संरक्षण की हवा में निराशा का स्थान एक नई आशा ने लिया है।
सीरियाई युद्ध फ्रंट में आने वाली निराशापूर्ण खबरों के कई महीनों तथा वर्षों के बाद अब खुशी और आनंद की एक नै लहर थी कि पाल्मिरा में सब कुछ खत्म नहीं है। दिल को सुकून देने वाले माहौल में अंतर्रार्ष्ट्रीय प्रयासों द्वारा नष्ट कर दिए गए आर्च ऑफ ट्रॉयम्फ का पुनः निर्माण कर लिया गया था 19 अप्रैल 2016 को इस स्मारक की एक वृहदाकार प्रतिकृति लंदन के ट्रेफाल्गर स्क्वेयर में खड़ी की गई थी जिसका अनावरण सीरिया तथा विश्व विरासत के साथ अपनी एकता दर्शाते हुए लंदन के मेयर द्वारा इन शब्दों द्वारा किया गया था ‘उन वहशियों को एक चुनौती के तौर पर जिन्होंने वास्तविक आर्च ऑफ ट्रॉयम्फ को ध्वस्त किया था।’
यह प्रतिकृति न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वेयर तथा दुबई का भ्रमण करते हुए अंततः पाल्मिरा पहुंचेगी। अब लोगों में यह आशा करने की ताकत पैदा हुई है कि पाल्मिरा को विश्व विरासत के तौर पर अपनी पुरानी शान दिलाने के वैश्विक मिशन पर कार्य करने हेतु सीरिया संबंधी अपने सभी मतभेदों से ऊपर उठ कर विश्व को अमेरिका तथा रूस के साथ एक हो जाना होगा।