पूरी दुनिया में छाई हैं खबरें
कई बार तो यूजर पोकेमॉन ढूंढने ऐसी जगहों पर चले गए, जहां वे लूट लिए गए या फिर अन्य तरह के हमलों के शिकार हो गए। एक शख्स को तो पोकेमॉन ढूंढने के चक्कर में डेडबॉडी मिल गई। कुछ लोगों से लूटपाट हुई है तो कुछ पर अन्य तरह के हमले भी। विदेशों में यह ट्रेंड भी देखा जा रहा है कि जो बच्चे सुबह देर तक सोए रहते थे, वे सूरज निकलने से पहले ही पोकेमॉन को ढूंढने निकल जा रहे हैं। कुछ लोगों ने आपत्ति जताई कि उनके घर या प्रॉपर्टी को पोकेमॉन जिम के तौर पर चिह्नित किया गया है।
सिक्यॉरिटी भी है खतरा
गेम के डिवेलपर निऐंटिक की इस बात को लेकर खूब आलोचना हुई कि यह गेम यूजर्स की बहुत सारी इन्फर्मेशन ऐक्सेस करता है। यह यूजर के ईमेल अड्रेस, आईपी अड्रेस, वेब पेज यूज्ड और लोकेशन को ट्रैक करता है। यानी इस गेम को खेलने पर आपका पूरा गूगल अकाउंट निऐंटिक के पास होगा। कंपनी ने भरोसा दिलाया है इसे ठीक करने का, मगर तब तक अगर कोई निऐंटिक को हैक कर ले, / यूजर्स की बहुत सारी पर्सनल जानकारी रिस्क पर होगी।
भारत में कब आएगा?
अभी यह ऐप भारत में ऑफिशली लॉन्च नहीं हुआ है, मगर कुछ लोगों ने इसका apk डाउनलोड किया है। ऐपल डिवाइसेज के लिए एक्सटर्नल ऐप स्टोर इस्तेमाल करना होगा। मुंबई और दिल्ली में प्लेयर्स का कहना है कि जब वे पोकेमॉन गो खेलने लगे तो यह वर्चुअल क्रीचर उन्हें मंदिरों में मिला। गेम्स बनाने वालों ने इसे जल्द ही पूरी दुनिया के लिए लॉन्च करने का वादा किया है।