राहत इंदौरी: करोड़ों के शेर या दो कौड़ी का शायर

राहत इंदौरी: करोड़ों के शेर या दो कौड़ी का शायर

गोधरा पर मुस्लिम भीड़ को क्लिन चिट, घुटनों को सेक्स में समेट वाजपेयी का मजाक: एक राहत इंदौरी यह भी

“अपने मुर्दे भी जो जलाते नहीं… जिंदा लोगों को क्या जलाएँगे” – गोधरा कांड पर हिंसक मुस्लिम भीड़ को अपने शेरों से बचाने की राहत इंदौरी की कोशिश। इसके अलावा घुटने को सिर्फ और सिर्फ सेक्स से जोड़ कर राहत इंदौरी ने…

मशहूर शायर डॉ राहत इंदौरी का कोरोना वायरस संक्रमण के बाद दिल का दौरा पड़ने के कारण कल शाम (11 अगस्त, 2020) को निधन हो गया। उनकी मौत के बाद उनके चाहने वालों ने सोशल मीडिया पर उनकी कुछ शायरियाँ शेयर करके उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसी बीच कुछ मुशायरों में अपनी बात रखते हुए उनकी कई पुरानी वीडियोज भी वायरल होना शुरू हुईं।

ये वह वीडियोज थीं, जिनमें उन्होंने अपनी शायरी करने के हुनर का इस्तेमाल दिग्गज नेताओं और देश के हालातों को बयान करने के लिए इस्तेमाल किया था। कुछ लोग इसे उनका हुनर समझकर शेयर कर रहे थे। तो कुछ ऐसे भी थे, जिन्होंने इन वीडियोज को शेयर करके राहत इंदौरी की सोच पर अपना गुस्सा निकाला।

साल 2001 में राहत इंदौरी ने घुटनों पर एक शेर पढ़ा था और दिलचस्प बात यह है कि उसी समय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के घुटनों की सर्जरी हुई थी।

अपने शेर को मुशायरे में पढ़ते हुए तब राहत ने अटल बिहारी वाजपेयी का नाम अपनी जुबान से लेने से मना कर दिया था और कहा था, “मैं किसी का नाम नहीं लेता हूँ अपने जुबान से। क्योंकि मेरे शेरों की कीमत करोड़ों रुपए है। मैं दो-दो कौड़ी के लोगों का नाम लेकर अपने शेर की कीमत कम नहीं करना चाहता।”

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अपनी इस बात के बाद उन्होंने कहा था, “100 करोड़ के मुल्क का वजन जिन पैरों पर है, उनका खुद वजन नहीं संभलता।” यह कहकर इस बात को उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि वह अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में ही बात कर रहे हैं। इसके बाद उन्होंने तमाम वाहवाही के बीच अपना शेर पढ़ा, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री के घुटनों की सर्जरी का मजाक उड़ाया गया था।

उन्होंने कहा:

रंग चेहरे का ज़र्द कैसा है
आईना गर्द-गर्द कैसा है
काम घुटनों से जब लिया ही नहीं
फिर ये घुटनों में दर्द कैसा है

इस शेर को सुनकर मुशायरे में ठहाके और तालियाँ गूँज गईं थीं। कुछ लोग उठकर आए थे और राहत को सम्मानित भी किया था। अब इसी मुशायरे की वीडियो को शेयर करके उनकी आलोचना की जी रही है।

यूजर्स का कहना है कि 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी ने अपना घुटनों की सर्जरी करवाई थी और राहत इंदौरी ने उन्हें दो कौड़ी का बता कर अपनी शायरी को करोड़ों की बताया था। लोग याद दिला रहे हैं कि राहत ने उनके ऊपर इसलिए घुटनों वाला शेर पढ़ा था क्योंकि वह आजीवन अविवाहित थे (मतलब निहायत ही घटिया मानसिकता का आदमी था राहत इंदौरी, जिसने घुटने को सिर्फ और सिर्फ सेक्स से जोड़ा)।

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सोशल मीडिया यूजर्स यहीं पर नहीं रुके। राहत इंदौरी द्वारा गोधरा कांड पर की गई शायरी भी बेहद विवादित थी, उसे भी लोगों ने खोज निकाला। एक मुशायरे में उन्होंने गोधरा कांड को लेकर ये कह दिया था कि उस दिन कारसेवकों के साथ कुछ हुआ ही नहीं था।

अपनी शायरी सुनाने से पहले वह लोगों को बताते हैं कि गोधरा कांड के मात्र एक साल में सारी रिपोर्ट्स सामने आ गई है। जाँच कमीशन यह कहने लगा है कि गोधरा में कुछ हुआ ही नहीं था। मीडिया ने हौआ बना दिया और ये बताया कि रेल के डिब्बों में आग लगा दी गई थी।

इसके बाद राहत इंदौरी अपना शेर फरमाते हुए कहते हैं:

जिनका मसलक है रौशनी का सफर
वो चिरागों को क्यों बुझाएँगें
अपने मुर्दे भी जो जलाते नहीं
जिंदा लोगों को क्या जलाएँगे

इस वीडियो को शेयर करके लोग कारसेवकों को याद कर रहे हैं, जिन्हें गोधरा कांड में अपनी जान गँवानी पड़ी। लोग कह रहे हैं कि राहत इंदौरी ने थ्योरी गढ़ी और जहरीली हिंसक मुस्लिम भीड़ को अपने शेरों से बचाने की कोशिश की।

इतना ही नहीं, अपनी बातों से उन्होंने इस पूरे कांड के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी को जिम्मेदार बताया। साथ ही यह भी बताने की कोशिश की कि यह काम हिंदुओं का हो सकता है क्योंकि हिंदू ही शव का दाह संस्कार करते हैं।

Rahat Indori Shayar ya Mujahid | राहत इंदौरी का सच | Explosive Inside Stories from a Fellow Shayar.

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