What is significance of Vasant Navratri? Navratri or Navratra festival is celebrated twice in a year. Once in spring season which is called Chaitra Navratri or Vasanth Navratri or Spring Navratri.
Significance of Vasant Navratri
Most of the people are unaware of this Navratri celebration in the month of March because the festival is not popular amongst the other Indian populace due to lack in pomp and fanfare. Although like its October counterpart this festival is celebrated to mark the seasonal changes. Vasanth Navratri is celebrated at the beginning of the summer whereas the Navratri in October marks the beginning of the winter. Vasanth Navratri is also known as Ram Navratri because Ram Navami falls on the nine day of Chaitra. This Spring Navratri or Vasanth Navratri festival is dedicated to Mother Gauri or Parvati.
चैत्र के महीने में मनाए जानेवाले नवरात्रि के त्योहार को चैत्र नवरात्र के रूप में जाना जाता है। यह नौ दिनों का उत्सव है जिसमें परम दिव्य शक्ति की देवी दुर्गा का पूजन किया जाता है। देवी दुर्गा के सभी नो रूपों की पूजा होती है। शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री चैत्र नवरात्र के प्रत्येक दिन पूजा करनेवाले शक्ति के नौ रूप है। यह त्योहार हिंदू कैलेंडर के पहले दिन चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के दौरान हर साल मार्च-अप्रैल के महीने में पड़ता है।
चैत्र नवरात्रि का महत्व
चैत्र नवरात्रि का सबसे शुभ अवसर हिंदु धर्माबलंबियों लिए खास महत्व रखता है क्योंकि यह देवी दुर्गा को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद लेने का सबसे अच्छा समय है। चैत्र नवरात्र के धार्मिक अनुष्ठानों और समारोहों का एक बड़ा प्रतीकात्मक मूल्य है। चैत्र नवरात्र के पहले तीन दिन ऊर्जा की देवी मां दुर्गा को समर्पित है। अगले तीन दिन मां लक्ष्मी को समर्पित हैं जो धन की देवी हैं। इसके बाद अंतिम तीन दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित है।
कन्या पूजन का है विशेष महत्व
नवरात्र के मौके पर कन्या पूजन का विशेष महत्व है। तीन वर्ष से लेकर नौ वर्ष तक की कन्या पूजन का विधान है। कन्याएं छल-कपट से दूर होने के साथ पवित्र मानी जाती है। जिनका पूजन करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।