Why is Guru Nanak so important to Sikhs?

Why is Guru Nanak so important to Sikhs?

Guru Nanak was so important to the Sikh’s because he was the first guru, also he was the one who founded Sikhism, there was no Sikhism before he was born. Guru Nanak believes in one god and Sikh’s want to follow that too.

Why is Guru Nanak so important to Sikhs?

You should show that you respect Guru Nanak by calling him Guru Nanak Dev Ji. Guru Nanak Dev Ji is a role model to Sikh’s because he cared about everyone even the untouchables. You shouldn’t touch the untouchables according to everyone except Guru Nanak Dev Ji. Once when he was going to school one morning he touched an untouchable, his dad was ashamed of him but Guru Nanak said “Everyone has got a God in them”. When he went to school he got in trouble because he didn’t want to learn the alphabet he wanted to learn about God and pray to him. His teacher wasn’t having this behavior and he got suspended.

Guru Nanak Dev:

Sri Guru Nanak Dev Ji was the creator of Sikhism, and the first of the ten Sikh Guru’s. The last Guru said that there would be no more Gurus after him and Sikhs would be taught by the Sikh holy book, which is called Guru Granth Sahib Ji. The word “Guru” means “teacher” in many Indian languages.

Beside followers of Sikhism, Guru Nanak Dev is considered holy by Punjabi Hindus and Sahajdhari Sindhis across the Indian subcontinent. Because of his close connection with Hazrat Sheikh Farid-ud-din Ganj Shakar, the Punjabi Sufi saint, Nanak Dev is also considered by many Muslims to be a Sufi, or adherent of Sufic tenets.

His main teaching to the world was written down to be “devotion of thought and having good actions as the first of our jobs”.

सिखों के पहले गुरु और सिख संप्रदाय के प्रवर्तक गुरु नानक देव का जन्म संवत 1526 को कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था। सिख धर्म के अनुयायी इस दिन को प्रकाश उत्सव और गुरु पर्व के रूप में मनाते हैं। गुरु नानक देव ने हमेशा अपने प्रवचनों में जातिवाद को मिटाने, सत्य के मार्ग पर चलने के उपदेश दिए हैं।

Born: 1469, Nankana Sahib, Pakistan
Died: 22 September 1539, Kartarpur, Pakistan

आइए जानते हैं गुरु नानक के 10 अनमोल विचार, जिससे हर किसी को फायदा होता है…

यही लोग हैं धार्मिक

दुनिया में किसी भी व्यक्ति को भ्रम में नहीं रहना चाहिए। बिना गुरु के कोई भी दुसरे किनारे तक नहीं जा सकता है। धार्मिक वही है जो सभी लोगों का समान रूप से सम्मान करे।

हमेशा प्रेमपूर्वक रहें

गुरु नानक देव ने इक ओंकार का नारा दिया यानी ईश्वर एक है। वह सभी जगह मौजूद है। हम सबका ‘पिता’ वही है इसलिए सबके साथ प्रेमपूर्वक रहना चाहिए।

मिलती है मानसिक शांति

प्रभु के लिए खुशियों के गीत गाओ, प्रभु के नाम की सेवा करो और उसके सेवकों के सेवक बन जाओ। आपको जीवन में मानसिक शांति मिलती है, जिससे वह अपना रिश्ता चुन सकता है।

जाने स्वयं की अज्ञानता

रस्सी की अज्ञानता के कारण रस्सी सांप प्रतीत होता है। स्वयं की अज्ञानता के कारण क्षणिक स्थिति भी स्वयं का व्यक्तिगत, सीमित, अभूतपूर्व स्वरूप प्रतीत होती है।

किसी का नहीं छीने हक

गुरु नानक ने कहा है कि कभी भी किसी का हक नहीं छीनना चाहिए। जो दूसरों का हक छीनता है, उसे कभी सम्मान नहीं मिलता है। हमेशा ईमानदारी और मेहनत से जरूरमंदों की मदद करनी चाहिए।

चींटी से भी नहीं की जा सकती तुलना

धन-समृद्धि से युक्त बड़े-बड़े राज्यों के राजा-महाराजों की तुलना भी उस चींटी से नहीं की जा सकती है, जिसमे ईश्वर का प्रेम भरा हो।

यहां तक धन को सीमित रखें

धन को केवल जेब तक ही रखें, उसे अपने हृदय में स्थान ना दें। जो धन को हृदय में स्थान देता है, हमेशा उसका ही नुकसान होता है।

इस तरह बीज को करें तैयार

आप चाहें किसी भी प्रकार के बीज बोयें, लेकिन उसे उचित मौसम में ही तैयार करें, यदि आप ध्यान से इन्हें देखेंगे तो पाएंगे की बीज के गुण ही उन्हें ऊपर लाते हैं।

हमेशा करें सम्मान

स्त्री-जाति का आदर करना चाहिए। गुरु नानक देव, स्त्री और पुरुष सभी को बराबर मानते थे। साथ ही हमेशा तनाव मुक्त रहकर अपना कार्य करना चाहिए, इससे आप हमेशा प्रसन्न रहेंगे और कार्य भी अच्छी तरीके से कर पाएंगे।

अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है। इसलिए अहंकार कभी नहीं करना चाहिए बल्कि विनम्र होकर सेवाभाव से जीवन गुजारना चाहिए। अंहकार से मनुष्य की मानवता का अंत होता है।

इनको नहीं है डर

वह सबकुछ है लेकिन भगवान केवल एक ही है। उसका नाम सत्य है, रचनात्मकता उसकी शख्सियत है और अनश्वर ही उसका स्वरुप है। जिसमे जरा भी डर नही, जो द्वेष भाव से पराया है। गुरु की दया से ही इसे प्राप्त किया जा सकता है।

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One comment

  1. Guru Nanak ji is one of the most worshiped personalities for Sikh culture. He spent his whole life making world a better place with his ideologies and thoughts. This guru parv let us stand together and remember him and follow his path.
    Ranjit