प्रधानमंत्री कार्यालय के सचिव बिनोद बिहारी सिंह ने RTI का जवाब देते हुए कहा कि सरकारी बजट का एक रुपया भी पीएम के व्यक्तिगत चिकित्सा उपचार के भुगतान में उपयोग नहीं किया जाता है। पीएमओ ने साफ कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के स्वास्थ्य पर देश और विदेश में 2014 से अब तक कोई व्यय नहीं किया गया है”।
अपने सारे मेडिकल बिल खुद भरते हैं नरेंद्र मोदी: RTI से खुलासा – सरकारी खजाने से एक रुपया भी अपने स्वास्थ्य पर खर्च नहीं किया
अपने सारे मेडिकल बिल खुद भरते हैं नरेंद्र मोदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) दुनिया के सबसे प्रसिद्ध नेताओं में शुमार हैं। उनकी बातों और कार्यों को लाखों लोग फॉलो करते हैं। देश को कोरोनाकाल याद होगा, जब उन्होंने शाम के वक्त दीप जलाने का आह्वान किया था और हर भारतीय उनकी अपील को कार्यान्वित किया था।
अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक महत्वपूर्ण खुलासा हुआ है। वे अपनी स्वास्थ्य सेवाओं का खर्च खुद उठाते हैं। उन पर हवाले वाले मेडिकल बिल का भुगतान सरकारी खजाने से नहीं किया जाता है। प्रधानमंत्री के रूप में यह देश के लोगों के लिए एक बड़ी मिसाल है।
यह सब एक RTI में खुलासा हुआ है। महाराष्ट्र के पुणे के निवासी प्रफुल्ल सारदा ने RTI के जरिए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से पूछा कि साल 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके मेडिकल पर कितना खर्च हुआ है।
RTI के जवाब से खुलासा हुआ कि पीएम के स्वास्थ्य की देखभाल पर एक रुपए का भी खर्च नहीं हुआ है। RTI के जवाब में PMO ने कहा कि उसके द्वारा प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य पर खर्च को लेकर मेटेन किए जाने वाले डिटेल के अनुसार कोई खर्च नहीं हुआ है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के सचिव बिनोद बिहारी सिंह ने RTI का जवाब देते हुए कहा कि सरकारी बजट का एक रुपया भी पीएम के व्यक्तिगत चिकित्सा उपचार के भुगतान में उपयोग नहीं किया जाता है। पीएमओ ने साफ कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के स्वास्थ्य पर देश और विदेश में 2014 से अब तक कोई व्यय नहीं किया गया है”।
कार्यकर्ता प्रफुल्ल ने कहा, “पीएम मोदी जी ने फिट इंडिया अभियान के माध्यम से न केवल एक मजबूत संदेश दिया, बल्कि वे खुद एक उदाहरण पेश कर 135 करोड़ भारतीयों को फिट रहने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “करदाताओं के पैसे का इस्तेमाल PMO के किसी भी निजी काम के लिए नहीं किया जा रहा है। इससे शासन में हमारा विश्वास बढ़ा है। सांसदों और विधायकों को भी अपने निजी चिकित्सा खर्च को वहन करके उसी रास्ते का पालन करना चाहिए।”