सुशांत सिंह राजपूत केस: शिवसेना का सच्चाई से सामना – परिवार से अच्छे नहीं थे सुशांत के संबंध: संजय राउत ने बिहार के डीजीपी को बताया BJP का आदमी
संजय राउत ने लिखा कि सुशांत सिंह राजपूत का बिहार से कोई संबंध नहीं था और वो पूरी तरह मुंबईकर बन गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि संघर्ष के दिनों में बिहार उनके साथ नहीं था, उन्हें सारा वैभव मुंबई ने दिया।
शिवसेना का सच्चाई से सामना
शिवसेना सांसद ने आरोप लगाया कि बिहार सरकार की सिफारिश के बाद 1 ही दिन में सीबीआई जाँच के लिए स्वीकृति दे दी गई, जो बताता है कि सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों का राजनीति के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है और यह झकझोर देने वाला है। राउत ने इसे राज्य सरकार की स्वायत्तता पर हमला करार दिया।
Sushant’s Family Slams Sanjay Raut Over His Statements On The Case, Asks Him To Apologize
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर ये मामला मुंबई पुलिस के हाथ में रहता तो इससे आसमान नहीं टूट पड़ता। लेकिन इस मामले में राजनीतिक दबाव और रुचि के कारण इसे सीबीआई को दिया गया है। उन्होंने आरोप लगया कि इस मामले की पटकथा पहले ही लिख ली गई थी और परदे के पीछे कुछ भी हुआ हो सकता है ताकि महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ साजिश रची जाए। उन्होंने मुंबई पुलिस को दुनिया की सर्वोच्च जाँच तंत्र बताते हुए कहा कि वो प्रोफेशनल है और दबाव में नहीं आती।
संजय राउत ने मुंबई पुलिस कि उपलब्धियाँ गिनाने के लिए शीना बोरा हत्याकांड और 26/11 मुंबई हमला का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि सीबीआई एक निष्पक्ष और स्वतंत्र जाँच एजेंसी नहीं है, इसीलिए कई राज्यों ने इस पर रोक लगा रखी है। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे ममता बनर्जी की बंगाल पुलिस ने शारदा चिट फंड घोटाले की जाँच के लिए गए सीबीआई के अधिकारियों को लॉकअप में डाल दिया था।
संजय राउत ने दावा किया कि सर्वोच्च न्यायालय से लेकर ईडी, सीबीआई जैसी संस्थाओं पर विगत कुछ वर्षों में सवालिया निशान लग चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि गोधरा के बाद मोदी-शाह नहीं चाहते थे कि इसकी जाँच सीबीआई के पास जाए, क्योंकि वो इसे एक स्वतंत्र एजेंसी नहीं मानते थे। उन्होंने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की थी ये स्पष्ट है और इसे हत्या कहने का कोई आधार नहीं है।
Politicisation of #SushantSinghRajput case a conspiracy against #Maharashtra: #SanjayRauthttps://t.co/uQgfFLdtzt
— The Tribune (@thetribunechd) August 9, 2020
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा राज्य में शिवसेना की सरकार को गिरा नहीं पा रही है, इसीलिए पार्टी ने समाचार चैनलों के साथ मिल कर ‘गॉसिपिंग’ कर इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है ताकि सरकार को बदनाम किया जा सके। उन्होंने लिखा कि सुशांत सिंह राजपूत का बिहार से कोई संबंध नहीं था और वो पूरी तरह मुंबईकर बन गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि संघर्ष के दिनों में बिहार उनके साथ नहीं था, उन्हें सारा वैभव मुंबई ने दिया।
राउत ने कहा कि सुशांत का उनके पिता के साथ संबंध अच्छे नहीं थे। पिता का दूसरा विवाह उन्हें स्वीकार नहीं था। उनके उनके पिता से कोई भावनात्मक संबंध नहीं था। उन्होंने गुप्तेश्वर पांडे को एक अनुशासनहीन पुलिस अधिकारी करार देते हुए कहा कि वो चैनलों पर जाकर मुंबई पुलिस के खिलाफ बोलते हैं।
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गौरतलब है कि इससे पहले सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में बिहारियों को निशाना बनाते हुए शेखर गुप्ता की वेबसाइट ‘द प्रिंट’’ ने एक लेख प्रकाशित किया। इस लेख का शीर्षक और इसकी तमाम बातें ऐसी हैं जिनका न तो कोई आधार है और न अर्थ। लेख की शैली से स्पष्ट था कि इसका उद्देश्य एक क्षेत्र और समूह के लोगों को निशाना बनाना है। सुशांत के बहनोई विशाल ने इसे टॉक्सिक जर्नलिज्म (विषाक्त पत्रकारिता) करार दिया और कहा कि इस बहाने बिहार को बदनाम किया जा रहा है।