जिस पोते को शरद पवार ने कहा था ‘अपरिपक्व’… सुशांत केस में CBI जाँच पर उसने लिखा – ‘सत्यमेव जयते’
सुशांत केस की जाँच को CBI को सौंपे जाने की माँग करने वालों में से एक पार्थ पवार भी थे। उन्होंने पार्टी लाइन से अलग होकर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख को इसके लिए पत्र भी लिखा था। इस वजह से वो शिवसेना के लोगों के निशाने पर भी थे।
सत्यमेव जयते!
— Parth Pawar (@parthajitpawar) August 19, 2020
सुशांत केस में आज सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आने के बाद पार्थ पवार ने ट्वीट कर लिखा, “सत्यमेव जयते” बता दें कि सुशांत केस की जाँच को सीबीआई को सौंपे जाने की माँग करने वालों में से एक पार्थ पवार भी थे। उन्होंने पार्टी लाइन से अलग होकर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख को इसके लिए पत्र भी लिखा था। इस वजह से वो शिवसेना के लोगों के निशाने पर भी थे।
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यही नहीं पार्थ की इस माँग पर शरद पवार भी खुश नजर नहीं आए थे, उन्होंने सार्वजनिक रूप से उन्हें ‘अपरिपक्व’ कह डाला था, जिसके बाद खबर आई थी पार्थ को लेकर एनसीपी और पवार के घर में क्लेश उत्पन्न हो गया है, फिलहाल आज एक बार फिर से पार्थ ने सुशांत केस पर प्रतिक्रिया दी है, ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि पवार अब क्या रिएक्शन देते हैं।
बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत केस में शुरुआत से ही मुंबई पुलिस की जाँच पर सवाल उठ रहे हैं। सुशांत के परिवार ने भी मुंबई पुलिस की जाँच पर भरोसा न करते हुए रिया चक्रवती के खिलाफ बिहार पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई। इसके बाद महाराष्ट्र पुलिस और बिहार पुलिस भी आमने-सामने आ गईं। मुंबई पुलिस के दो महीने तक केस में एफआईआर दर्ज न करने पर सवाल उठे।
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इस पूरे प्रकरण में महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई पुलिस की जाँच पर भरोसा जताया और साथ ही केस को सीबीआई में ट्रांसफर करने की बात को राजनीति करार दिया। महाराष्ट्र सरकार ने सुशांत केस में राजनीति के पीछे बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव का हवाला दिया।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र सरकार सीबीआई को सुशांत के मामले की जाँच को सौंपे जाने का विरोध कर रही थी। महाराष्ट्र सरकार की दलील थी कि मुंबई पुलिस ही मामले की जाँच करे क्योंकि वो इस मामले में 56 लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है।
उद्धव सरकार की तरफ से ये भी कहा गया था कि सुशांत की मौत का मामला मुंबई पुलिस के अधिकार क्षेत्र का है क्योंकि घटना मुंबई में हुई और पीड़ित, आरोपित व गवाह सभी मुंबई के हैं।
फैसला आने के बाद संजय राउत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “जो भी सरकार में हैं, वो कानून जानते हैं। मुंबई पुलिस कमिशनर और एडवोकेट जनरल इस पर बात कर सकते हैं। इस पर मेरे द्वारा टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।”
Supreme Court has given its verdict, it is not right to make political comments. Our state's justice system has always been one of the best in the country, no one is above law here & to provide justice to all has been the norm: Sanjay Raut, Shiv Sena #SushanthSinghRajputCase https://t.co/bmo1iiOlnm
— ANI (@ANI) August 19, 2020
वहीं महाराष्ट्र सरकार पर लग रहे आरोपों पर उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश सुना दिया है। इस पर राजनीतिक बयानबाजी ठीक नहीं है। हमारे राज्य की न्याय व्यवस्था देश में बेहतर व्यवस्थाओं में से एक है। यहां सत्य और न्याय की हमेशा जीत होती है। कानून के ऊपर कोई नहीं है। सबको न्याय देना एक मानदंड है। हमारे राज्य की परपंरा है कि सबको न्याय मिले।”
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शिवसेना नेता संजय राउत ने इससे पहले अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जाँच सीबीआई को स्थानांतरित किए जाने को ‘गैरकानूनी’ करार दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि राजपूत के परिवार समेत सभी लोगों को कुछ समय चुप रहना चाहिए और मुंबई पुलिस को अभिनेता की मौत के मामले की अपनी जाँच पूरी करने देनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि नीतीश सरकार ने केस की जो सीबीआई जाँच की सिफारिश की थी वो सही थी। महाराष्ट्र सरकार को अब जांच में सहयोग करना होगा। मुंबई पुलिस को इस मामले के सारे सबूत सीबीआई को सौंपने होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि बिहार सरकार को इस मामले में जाँच का पूरा अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि पटना में जो एफआईआर दर्ज की गई है वो कानून सम्मत है।