रामनवमी पर अयोध्या आने वाले सभी भक्तों को दर्शन देंगे रामलला, 5 मिनट तक सूर्य की किरणें करेंगी प्रभु के ललाट पर तिलक: सफल रहा परीक्षण
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा राम नवमी पर यहाँ आने वाले सभी भक्तों के लिए भगवान राम के ‘दर्शन’ की सुविधा सुनिश्चित की गई है। वैज्ञानिकों द्वारा कोशिश की जा रही है कि सूर्य की किरणें दोपहर 12.16 बजे 5 मिनट के लिए भगवान के माथे पर पड़े।
राम नवमी के मौके पर सूर्य की किरणों से भगवान राम का तिलक हो इसके लिए वैज्ञानिक मिलकर प्रयास कर रहे हैं। तकनीकी व्यवस्था करके कोशिश चल रही है कि कैसे भी रामनवमी के पावन अवसर पर एक निश्चित अवधि के लिए सूर्य की किरणें भगवान राम के मस्तक को छुएँ और श्रद्धालु उस क्षण के दिव्य दर्शन कर पाएँ।
रामनवमी को दर्शन देंगे रामलला
इस संबंध में राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा, “राम नवमी पर यहाँ आने वाले सभी भक्तों के लिए भगवान राम के ‘दर्शन’ की सुविधा सुनिश्चित की गई है। वैज्ञानिकों द्वारा कोशिश की जा रही है कि सूर्य की किरणें दोपहर 12.16 बजे 5 मिनट के लिए भगवान के माथे पर पड़ें। इसके लिए महत्वपूर्ण तकनीकी की व्यवस्था की जा रही है। इसे सफल बनाने के लिए ट्रस्ट और वैज्ञानिक मिलकर काम कर रहे हैं।”
#WATCH | Ayodhya, UP: On Lord Ram's 'Surya Tilak' on Ram Navami, Ram Mandir Nirman Samiti Chairman Nripendra Misra says, "We have ensured the facilitation Lord Ram's 'Darshan' for all the devotees visiting here on Ram Navami… We are practising that the sun rays fall on Lord's… pic.twitter.com/zrgjqVySx7
— ANI (@ANI) April 15, 2024
बता दें कि राम नवमी पर इस प्रयोग को करने से पहले शुक्रवार (12 अप्रैल 2024) को राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के सूर्य तिलक का सफल ट्रायल किया गया था। इसकी सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी सामने आई है। इसमें देखा गया था कि दर्पण के जरिए भगवान सूर्य ने प्रभु के मस्तक पर तिलक किया था। यह परीक्षण 12:00 बजे पूरा हुआ था।
अब इसी तकनीक से 17 अप्रैल को भी कोशिश की जा रही है ताकि सूर्यदेव अपनी किरणों से प्रभु के ललाट की शोभा बढ़ाएँ। बताया जा रहा है कि करीब 4 से 5 मिनट कक सूर्यदेव रामलला का तिलक करेंगे। इस काम के लिए सूर्य की किरणों को सबसे पहले अलग-अलग तीन दर्पणों के माध्यम से डायवर्ट किया जाएगा, फिर पीतल की पाइप के जरिए किरणों को लेंस के माध्यम से रामलला के मस्तक पर लेकर जाया जाएगा।