पराली का 93% प्रदूषण पंजाब से, पर जहरीली हवा के लिए हरियाणा-UP जिम्मेदार

पराली का 93% प्रदूषण पंजाब से, जहरीली हवा के लिए हरियाणा-UP जिम्मेदार

पराली का 93% प्रदूषण पंजाब से, पर जहरीली हवा के लिए हरियाणा-UP को जिम्मेदार ठहरा रही दिल्ली सरकार: ब्लेम गेम से दम घोंट रही AAP, जानिए सच्चाई

पराली का प्रदूषण : यह ब्लेम गेम आप के लिए कोई नई बात नहीं है। प्रदूषण का मुद्दा छोड़ भी दिया जाए तो दिल्ली में पानी की कमी से लेकर जल जमाव और कोरोना के ऑक्सीजन तक पर AAP ने यही ब्लेम गेम खेला है। दिल्ली की किसी भी समस्या का समाधान करने वाली AAP यह कार्ड पच्चीसों पर बार खेल चुकी है।

पराली का 93% प्रदूषण पंजाब से

ठंड का मौसम आते ही दिल्ली में प्रदूषण और हवा के जहरीले होने का मुद्दा उठने लगा है। दिल्ली की हवा भी फिर से एक बार दूषित होने के संकेत दिखा रही है। कभी दिवाली का बहाना लेकर प्रदूषण को हिन्दू त्योहारों के मत्थे मढ़ने वाला लिबरल गैंग भी अब कुछ नहीं बोल पा रहा। पंजाब में धान कटाई का सीजन चालू होते ही पराली भी जलने लगी है। इन सबके बीच लगभग एक दशक से दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए हरियाणा और उत्तर प्रदेश को जिम्मेदार बताना चालू कर दिया है।

क्या है दिल्ली का हाल?

अक्टूबर का महीना शुरू होने के बाद से लगातार दिल्ली की हवा में प्रदूषण की मात्रा बढ़ रही है। सोमवार (21 अक्टूबर, 2024) को दिल्ली के आनंद विहार, पटपडगंज, नेहरू नगर और विवेक विहार समेत अधिकांश इलाकों में AQI का स्तर 300 के ऊपर है। कुछ एक इलाकों में यह आँकड़ा 400+ है। दिल्ली में स्मॉग की वापसी भी हो चुकी है। सड़कों पर विजिबिलिटी कम हो गई है। राजधानी दिल्ली में मास्क लगाए लोग दिखने लगे हैं। इस बीच यहाँ से गुजरने वाली यमुना में भी सफ़ेद जहरीला झाग तैर रहा है।

AAP सरकार का ‘ब्लेम गेम’ चालू

दिल्ली की हवा बिगड़ने के साथ ही AAP सरकार ने अपना पुराना ‘ब्लेम गेम’ चालू कर दिया है। 2022 से पहले AAP पंजाब में विपक्ष में थी तब वह दिल्ली के प्रदूषण के लिए पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को दोषी बताते थे। हालाँकि, भगवंत मान की सरकार बनने के बाद अब इस लिस्ट से पंजाब को बाहर कर दिया गया है। अब सारा दोष भाजपा शासित हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश का है। प्रदूषण रोकने के लिए कोई कदम ना उठाने वाली AAP सरकार अब जल्दीबाजी में हास्यास्पद बातें कर रही है।

मुख्यमंत्री आतिशी ने हाल ही में दावा किया कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा से आने वाली बसें दिल्ली में प्रदूषण फैला रही हैं। उनका यह भी दावा है कि दिल्ली की गंदी हवा हरियाणा और यूपी से आती है। AAP ने इस हवा का जिक्र करते हुए हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मत्थे पूरा दोष मढ़ दिया लेकिन पंजाब का नाम नहीं लिया। प्रदूषण को राजनीतिक तराजू पर तोलने वाली AAP बाकी प्रदेशों को छोड़ दे तो उसने भी पिछले एक दशक में कोई ख़ास काम नहीं किया।

यह ब्लेम गेम आप के लिए कोई नई बात नहीं है। प्रदूषण का मुद्दा छोड़ भी दिया जाए तो दिल्ली में पानी की कमी से लेकर जल जमाव और कोरोना के ऑक्सीजन तक पर AAP ने यही ब्लेम गेम खेला है। दिल्ली की किसी भी समस्या का समाधान करने वाली AAP यह कार्ड पच्चीसों पर बार खेल चुकी है।

AAP सरकार पूरी तरह फेल

प्रदूषण कम करने के लिए AAP सरकार ऑड-ईवन नीति लेकर आई थी। वह भी फ्लॉप हो गई। इसके बाद दी दिल्ली में स्मॉग टॉवर पर AAP ने खूब हल्ला मचाया। इनकी संख्या 2-4 से ऊपर नहीं बढ़ी और जो बने भी हैं, वह आज के समय में एक इमारत के सिवा कुछ नहीं। AAP सरकार ने 2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि वह प्रदूषण का स्तर अपनी सरकार आने के बाद तिहाई स्तर पर ले आएँगे, यह भी होता नहीं दिख रहा।

यहाँ तक कि दिल्ली के प्रदूषण से निपटने का सबसे आसान तरीका था कि वह अपनी सरकारी गाड़ियों को इलेक्ट्रिक में बदले और इसकी शुरुआत बसों से करे। इसमें भी आप फिसड्डी है। दिल्ली में अभी लगभग 10000 बसों में 2000 बसें ही इलेक्ट्रिक हैं। यह भी केंद्र सरकार के सहयोग से आई हैं। दिल्ली में मेट्रो और RRTS नेटवर्क बढ़ाने पर भी AAP सरकार फिसड्डी रही है। दिल्ली में 2014 के बाद से 2022 तक कई बार एक्शन प्लान का शिगूफा छोड़ा जा चुका है, लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ।

दिल्ली में प्रदूषण खत्म करने का एक नायाब तरीका AAP सरकार को दिल्ली के पटाखे बैन करना लगता है। उसने एक बार फिर दिल्ली में दिवाली से लेकर नए साल तक पटाखों पर बैन लगा दिया है। वह बात अलग है कि हाल ही में दिल्ली में केजरीवाल की रिहाई हुई थी, तब AAP कार्यकर्ताओं ने जम कर पटाखे फोड़े थे।

पंजाब की विफलता, दिल्ली पर भारी पराली का प्रदूषण

भले ही अपनी राजनीतिक मजबूरियों के चलते AAP सारा दोष हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत बाकी संसार को दे लेकिन सच्चाई यह है कि दिल्ली के प्रदूषण में बड़ा रोल पंजाब का है। और दूसरा सत्य यह है कि पंजाब की भगवंत मान सरकार इसमें फेल है। यह बात आँकड़ों से भी साबित होती है। यदि इस साल की बात की जाए तो अभी धान की कटाई सही शुरू भी नहीं हुई है और पंजाब में पराली जलाने का आँकड़ा 1400 के पार पहुँच गया है। यह आँकड़ा खुद भगवंत मान की सरकार का है।

इसके अलावा बीते सालों की बात की जाए तो 2023 में पराली जलाने की 93% से अधिक घटनाएँ पंजाब में हुई। पर्यावरण मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में दिल्ली NCR, पंजाब और हरियाणा में मिलाकर पराली जलाने की कुल 39186 घटनाएँ हुई। इनमें से 36663 घटनाएँ अकेले पंजाब में हुई। पंजाब के मुकाबले हरियाणा में मात्र 2303 घटनाएँ दर्ज की गईं। यह आँकड़ा दिखाता है कि पंजाब की भगवंत मान की अगुवाई वाली AAP सरकार अपनी ही पार्टी की दिल्ली सरकार का सहयोग नहीं कर रही और इसका नुकसान नागरिक उठा रहे हैं।

देखना होगा कि दिल्ली में प्रदूषण का यह सालाना जलसा इस बार भी बिना किसी पक्के नतीजे के चले जाता है या फिर आतिशी की सरकार इसे रोकने के लिए क्कुह देर राजनीति छोड़ती है और अपने नागरिकों का साफ़ हवा में सांस लेने का अधिकार दे पाती है।

Check Also

Bagheera: 2024 Kannada Superhero Action Thriller Film, Trailer, Review

Bagheera: 2024 Kannada Superhero Action Thriller Film, Review

Movie Name: Bagheera Directed by: D.R. Suri Starring: Sriimurali, Rukmini Vasanth, Prakash Raj, Achyuth Kumar, …

Leave a Reply