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योग का महत्व: योग के लाभ एवं फायदों पर हिंदी बाल-कविता

योग का महत्व: योग के लाभ एवं फायदों पर हिंदी बाल-कविता

योग का महत्व: योग – अभ्यास का एक प्राचीन रूप जो भारतीय समाज में हजारों साल पहले विकसित हुआ था और उसके बाद से लगातार इसका अभ्यास किया जा रहा है। इसमें किसी व्यक्ति को सेहतमंद रहने के लिए और विभिन्न प्रकार के रोगों और अक्षमताओं से छुटकारा पाने के लिए विभिन्न प्रकार के व्यायाम शामिल हैं। यह ध्यान लगाने …

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दिवाली: बेहद खास हैं ये परंपराएं- मिठाइयां, शॉपिंग, घर सजाना, पटाखे फोड़ना

Diwali Festival Popular Traditions दिवाली: बेहद खास हैं ये परंपराएं

दिवाली: बेहद खास हैं ये परंपराएं – अंधकार पर प्रकाश की जीत के प्रतीक के रूप में पूरे भारत में दिवाली का पर्व मनाया जाता है। जहां उत्तर भारत में भगवान राम द्वारा रावण का वध करके 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या वापस आने की खुशी में दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। वहीं दक्षिण भारत में नरकासुर …

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वल्लभभाई पटेल कैसे बने सरदार और लौहपुरुष, जानें उनकी 10 दिलचस्प बातें

वल्लभभाई पटेल कैसे बने सरदार और लौहपुरुष, जानें उनकी 10 दिलचस्प बातें

वल्लभभाई पटेल कैसे बने सरदार और लौहपुरुष: आजादी के बाद सरदार पटेल ने पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें भारत का लौह पुरुष तथा भारत का बिस्मार्क भी कहा जाता है। Sardar Vallabhbhai Patel jayanti, Ekta Diwas: 31 अक्टूबर, 2023 को देश भर में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 148वीं जयंती मनाई …

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सरदार वल्लभभाई पटेल के अनमोल विचार विद्यार्थियों और बच्चों के लिए

सरदार वल्लभभाई पटेल के अनमोल विचार

सरदार वल्लभभाई पटेल के अनमोल विचार: सरदार वल्लभ भाई पटेल (31 अक्टूबर, 1875 – 15 दिसम्बर, 1950) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी एवं स्वतन्त्र भारत के प्रथम गृहमंत्री थे। सरदार पटेल बर्फ से ढंके एक ज्वालामुखी थे। वे नवीन भारत के निर्माता थे। राष्ट्रीय एकता के बेजोड़ शिल्पी थे। वास्तव में वे भारतीय जनमानस अर्थात किसान की आत्मा थे। भारत …

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हैलोवीन: एक अनूठा त्योहार – सबसे डरावने फेस्टिवल के अलग-अलग रूप

हैलोवीन: एक अनूठा त्योहार - सबसे डरावने फेस्टिवल के अलग-अलग रूप

हैलोवीन: एक अनूठा त्योहार – दुनिया के लगभग सभी देशों में आत्माओं से जुड़े कई त्यौहार मनाए जाते हैं। ऐसा ही एक त्यौहार है ‘हैलोवीन’, जो 3 अक्तूबर को मनाया जाता है। माना जाता है कि इस रात मृत पूर्वजों की आत्माएं घर आती हैं और उनके स्वागत में यह त्यौहार मनाया जाता है। हैलोवीन का नाम ‘हॉलीडे’ से बना …

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आ गया पावन दशहरा: दशहरा पर छोटे बच्चों के लिए हिंदी कविता

Inspirational Hindi Poem about Dussehra आ गया पावन दशहरा (विजय दशमी)

आ गया पावन दशहरा: दशहरा पर हिंदी कविता – भारत में दशहरा का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है, देश के कुछ जगहों पर दशहरा का सेलिब्रेशन बहुत फेमस होता है। आ गया पावन दशहरा: सत्यनारायण सिंह आ गया पावन दशहरा फिर हमे सन्देश देने आ गया …

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देवी: उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की लघुकथा (प्रेमचंद की सबसे छोटी कहानी)

Munshi Premchand Short Hindi Story Devi देवी

देवी: उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की लघुकथा – रात भीग चुकी थी। मैं बरामदे में खड़ा था। सामने अमीनुद्दौला पार्क नींद में डूबा खड़ा था। सिर्फ एक औरत एक तकियादार बेंच पर बैठी हुई थी। पार्क के बाहर सड़क के किनारे एक फ़कीर खड़ा राहगीरों को दुआयें दे रहा था – खुदा और रसूल का वास्ता… राम और भगवान का …

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पूस की रात: कथा सम्राट प्रेमचंद की लोकप्रिय कहानी

Munshi Premchand's Short Hindi Story पूस की रात

पूस की रात: कथा सम्राट प्रेमचंद की लोकप्रिय कहानी – कथा सम्राट प्रेमचंद (31 जुलाई 1880 लमही, उत्तर प्रदेश, भारत – 8 अक्टूबर 1936 वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत) ने हिन्‍दी के खजाने में कई अनमोल रत्‍न जोड़े हैं। महज आठ साल की उम्र में प्रेमचंद की मां का स्वर्गवास होने और पिता द्वारा दूसरी शादी करने के चलते उनके बाल …

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दो बैलों की कथा: मुंशी प्रेमचंद की लोकप्रिय हिंदी कहानी

Munshi Premchand Classic Hindi Story दो बैलों की कथा

कथाकार मुंशी प्रेमचंद भारत के ही नहीं, दुनियाभर में विख्यात हुए और ‘कथा सम्राट‘ कहलाए। प्रेमचंद की जयंती 31 जुलाई को बड़े ही उत्‍साह से मनाई जाती  है। इस खास मौके पर उनकी कहानी ‘दो बैलों की कथा‘ पढ़कर अपनी यादें ताजा कर लीजिए… दो बैलों की कथा [1]: हीरा और मोती जानवरों में गधा सबसे ज्यादा बुद्धिमान समझा जाता …

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कलियुगी रामलीला: आज के कलयुग दौर की रामलीला पर हास्य-व्यंग कविता

कलियुगी रामलीला: आज के कलयुग दौर की रामलीला पर हास्य-व्यंग कविता

कलियुगी रामलीला: रामलीला उत्तरी भारत में परम्परागत रूप से खेला जाने वाला राम के चरित पर आधारित नाटक है। यह प्रायः विजयादशमी के अवसर पर खेला जाता है। दिल्ली में रामलीलाओं का इतिहास बहुत पुराना है। दिल्ली में, सबसे पहली रामलीला बहादुरशाह ज़फर के समय पुरानी दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई थी। लवकुश रामलीला कमेटी, अशोक विहार रामलीला] कमेटी आदि दिल्ली की प्राचीन …

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