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भारतीय खिलौने बनाम चाइनिज टॉयज

भारतीय खिलौने बनाम चाइनिज टॉयज

बार्बी नहीं डांसिंग डॉल… चाइनिज ड्रैगन को इंडियन टाइगर की पटखनी: भारतीय खिलौनों की दमदार दुनिया भूलिए पावर रेंजर, डोरेमोन, शिनचैन को… और बार्बी तो कुछ भी नहीं… तैयार हो जाइए बच्चों को तंजावुर डॉल और दशावतार जैसे भारतीय खिलौने दिलाने के लिए। भारतीय खिलौने बनाम चाइनिज टॉयज: खिलौने बच्चों के मानसिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और बच्चों …

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मैं रहूं या ना रहूं भारत ये रहना चाहिए: प्रसून जोशी

मैं रहूं या ना रहूं भारत ये रहना चाहिए: प्रसून जोशी

मैं रहूं या ना रहूं भारत ये रहना चाहिए: प्रसून जोशी (जन्म: 16 सितम्बर 1968) हिन्दी कवि, लेखक, पटकथा लेखक और भारतीय सिनेमा के गीतकार हैं। वे विज्ञापन जगत की गतिविधियों से भी जुड़े हैं और अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञापन कंपनी ‘मैकऐन इरिक्सन’ में कार्यकारी अध्यक्ष हैं। फ़िल्म ‘तारे ज़मीन पर’ के गाने ‘मां…‘ के लिए उन्हें ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ भी मिल चुका …

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भारतीय स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद से जुड़ी बातें

Facts about Chandra Shekhar Azad चंद्रशेखर आजाद से जुड़ी बातें

भारतीय स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद से जुड़ी बातें: पण्डित चंद्रशेखर आज़ाद (23 जुलाई 1906 – 27 फ़रवरी 1931) ऐतिहासिक दृष्टि से भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के स्वतंत्रता सेनानी थे। वे पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल व सरदार भगत सिंह सरीखे क्रान्तिकारियों के अनन्यतम साथियों में से थे। सन् 1922 में गाँधीजी द्वारा असहयोग आन्दोलन को अचानक बन्द कर देने के कारण उनकी …

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कनुप्रिया (इतिहास: सेतु – मैं): धर्मवीर भारती

Dharamvir Bharati

कनुप्रिया (इतिहास: सेतु – मैं): धर्मवीर भारती धर्मवीर भारती (२५ दिसंबर, १९२६- ४ सितंबर, १९९७) आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक और सामाजिक विचारक थे। नीचे की घाटी से ऊपर के शिखरों पर जिस को जाना था वह चला गया – हाय मुझी पर पग रख मेरी बाँहों से इतिहास तुम्हें ले गया! सुनो कनु, सुनो क्या मैं सिर्फ एक …

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फूल मोमबत्तियां सपने: धर्मवीर भारती

फूल मोमबत्तियां सपने: धर्मवीर भारती धर्मवीर भारती (२५ दिसंबर, १९२६- ४ सितंबर, १९९७) आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक, कवि, नाटककार और सामाजिक विचारक थे। उनका जन्म इलाहाबाद के अतर सुइया मुहल्ले में हुआ। उनके पिता का नाम श्री चिरंजीव लाल वर्मा और माँ का श्रीमती चंदादेवी था। स्कूली शिक्षा डी. ए. वी हाई स्कूल में हुई और उच्च शिक्षा …

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सावित्री बाई फुले की जीवनी: भारत की पहली शिक्षिका

सावित्री बाई फुले की जीवनी: भारत की पहली शिक्षिका

पूरा नाम: सावित्री बाई फुले जन्म: 3 जनवरी 1831, नायगांव, ब्रिटिश भारत (अब सतारा, महाराष्ट्र) मृत्यु: 10 मार्च 1897 (आयु 66 वर्ष), पुणे, महाराष्ट्र मौत का कारण: बुबोनिक प्लेग माता-पिता: खंडोजी नेवशे पाटिल (पिता); लक्ष्मी (माता) पति: ज्योतिबा फुले – संतान नहीं थी लेकिन यशवंतराव को गोद लिया था जो कि एक ब्राह्मण विधवा से उत्पन्न पुत्र थे जाति: माली …

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भारतीय वायुसेना ने अनिल कपूर को IAF वर्दी को सम्मान ना देने पर लताड़ा

भारतीय वायुसेना ने अनिल कपूर को IAF वर्दी को सम्मान ना देने पर लताड़ा

अनिल कपूर ने गलत तरीके से पहनी भारतीय वायुसेना की ड्रेस, बकी गालियाँ: IAF ने ‘AK vs AK’ के दृश्य से जताई आपत्ति भारतीय वायुसेना ने कहा कि इस आपत्तिजनक दृश्य को फिल्म से हटाया जाना चाहिए। एविएटर अनिल चोपड़ा ने भी इस दृश्य से आपत्ति जताई और कहा कि भारतीय वायुसेना के एक एयर कमांडर को इस तरह की …

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गोविन्द बल्लभ पंत: भारतीय स्वतंत्रता सेनानी व राजनेता

गोविन्द बल्लभ पंत

पंडित गोविन्द बल्लभ पंत या जी.बी. पन्त प्रसिद्ध स्वतन्त्रता सेनानी, वरिष्ठ भारतीय राजनेता और उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री थे। इनका मुख्यमंत्री कार्यकाल 15 अगस्त 1947 से 27 मई 1954 तक रहा। बाद में ये भारत के गृहमंत्री भी (1955 -1961) बने। भारतीय संविधान में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने और जमींदारी प्रथा को खत्म कराने में उनका …

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भारतीय सेना पर अनमोल विचार विद्यार्थियों के लिए

When Romans met the Sikhs

भारत के Chief of Defence Staff of India (पूर्व थल सेनाध्यक्ष) जनरल बिपिन रावत ने चाहा है कि भारत का हर व्यक्ति भारतीय सेना के बारे में नीचे लिखे वाक्यों को अवश्य पढ़े। आपसे सादर आग्रह है कि कृपया इन अमूल्य ‘राष्ट्र रक्षा सूत्रों’ को विभिन्न माध्यमों से अधिक से अधिक देशवासियों तक पहुँचाने में सहयोग कीजिए। Indian Army यानी …

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भारत की लोकप्रिय लोक कथाएं: जादुई ढोल – आराधना झा

पश्चिम भारत के एक छोटे-से राज्य में, धर्मराज नामक एक बुद्धिमान और न्यायप्रिय राजा रहता था। उसकी प्रजा के मन में उसके लिए बहुत श्रद्धा और आदर था। राजा धर्मराज बहुत लम्बा, ऊंचा और रूपवान था। उसके सिर के बाल काले और घने थे जिन्हे उसका ख़ास कोई भोलू ही काटता था। भोलू यह काम कई वर्षों से कर रहा …

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