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स्वामी दयानंद सरस्वती की जीवनी व इतिहास

स्वामी दयानंद सरस्वती की जीवनी व इतिहास

नाम:  महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती (मूल शंकर तिवारी) जन्म  12 फ़रवरी, 1824 टंकारा, गुजरात मृत्यु: 30 अक्टूबर, 1883 (59 वर्ष), अजमेर, Rajasthan, India माता / पिता: अमृत बाई / करशनजी लालजी तिवारी कार्यक्षेत्र: समाज सुधारक, देशभक्त, सन्यासी, महान चिंतक उपलब्धि: आर्य समाज के संस्थापक ‘स्वराज्य‘ का नारा देने वाले पहले व्यक्ति, जिसे बाद में लोकमान्य तिलक ने आगे बढ़ाया. रुढ़िवादी सोच …

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स्वामी दयानंद सरस्वती के अनमोल विचार

स्वामी दयानंद सरस्वती के अनमोल विचार

स्वामी दयानंद सरस्वती के अनमोल विचार: आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती एक महान देशभक्त, समाज-सुधारक व चिन्तक थे। उन्होंने हिन्दू धर्म में व्याप्त कुरीतियों व बुराइयों का खुल कर विरोध किया और महिलाओं को उनका उचित अधिकार दिलाने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। साथ ही देश की आज़ादी के लिए भी उन्होंने उल्लेखनीय योगदान दिया। आइये आज हम …

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बद्रीनाथ धाम, चमोली जिला, उत्तराखंड: कब और कैसे जायें

बद्रीनाथ धाम, चमोली जिले, उत्तराखंड: कब और कैसे जायें

बद्रीनाथ धाम मंदिर को बदरीनारायण मंदिर भी कहा जाता है। जो अलकनंदा नदी के किनारे उत्तराखंड राज्य में स्थित है। यह मंदिर भगवान विष्णु के रूप बद्रीनाथ को समर्पित है। यह हिन्दुओं के चार धाम मेें से एक धाम है। ऋषिकेश से यह 294 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर दिशा में स्थित है। ये पंच बदरी में से एक बद्री …

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अन्‍नपूर्णा मंदिर इंदौर, मध्य प्रदेश

अन्‍नपूर्णा मंदिर, इंदौर, मध्य प्रदेश

अन्‍नपूर्णा मंदिर इंदौर में स्थित एक भव्‍य मंदिर है। यह मंदिर कई कारणों से प्रसिद्ध है। यह इंदौर का सबसे पुराना मंदिर है। यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। लोग मान्यता अनुसार यहां मांगने वालो की हर मुराद पूरी होती है। अन्‍नपूर्णा मंदिर इंदौर: Annapurna Temple Indore शहर के पश्चिम क्षेत्र में बना ये मंदिर सच्चे दिल से …

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एस जयशंकर: केरल के मंदिरों का इनसाइक्लोपीडिया

एस जयशंकर: केरल के मंदिरों का इनसाइक्लोपीडिया

वो व्यक्ति जिन्होंने 15 पुस्तकों में समेटी केरल के मंदिरों की सारी जानकारियाँ: बनाया ‘मंदिरों का इनसाइक्लोपीडिया’, 30 साल लगे रहे एस जयशंकर ने ये काम अपने हाथ में लिया और इसके लिए दूर-दूर तक यात्राएँ की। इस दौरान वो ऐतिहासिक साक्ष्यों को समेटते हुए सूचनाएँ इकट्ठी करते चले। उन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति के बाद इस मैराथन कार्य का जिम्मा उठाया। …

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महात्मा गाँधी का अंतिम अनशन: क्या थी उनकी माँगें

महात्मा गाँधी का अंतिम अनशन: क्या थी उनकी माँगें

Pak को दिला दिए 55 करोड़ रुपए, शरणार्थी हिन्दुओं / सिखों को भरी ठंड में मस्जिदों से निकाल सड़क पर ला दिया: गाँधी का अंतिम अनशन महात्मा गाँधी की अन्य माँगें थीं – पुरानी दिल्ली में मुस्लिमों को स्वतंत्र रूप से घूमने-फिरने की व्यवस्था की जाए, पाकिस्तान से लौटने वाले मुस्लिमों को लेकर गैर-मुस्लिम कोई आपत्ति न जताएँ, रेलगाड़ियों में …

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शेर अली आफ़रीदी: क्रन्तिकारी देशभक्त मुसलमान

शेर अली आफ़रीदी: क्रन्तिकारी देशभक्त मुसलमान

शेर अली आफ़रीदी (शेर अली आफ़्रीदी), जिन्हें शेरे अली भी कहा जाता है, 8 फरवरी 1872 को भारत के Viceroy Lord Mayo की हत्या के लिए जाने जाते हैं। वह उस समय अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह पर कैदी थे, जिन्हें हत्या की सजा सुनाई गई थी। 1869 से भारत के Viceroy Lord Mayo के 6वें Sir Richard Southwell Bourke फरवरी …

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अहिल्याबाई होल्कर: महेश्वर की राजमाता

अहिल्याबाई होल्कर: महेश्वर की राजमाता

अहिल्याबाई होलकर (31 मई 1725 – 13 अगस्त 1795), मराठा साम्राज्य की प्रसिद्ध महारानी तथा इतिहास-प्रसिद्ध सूबेदार मल्हारराव होलकर के पुत्र खण्डेराव की धर्मपत्नी थीं। उन्होने माहेश्वर को राजधानी बनाकर शासन किया। अहिल्याबाई ने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर भारत-भर के प्रसिद्ध तीर्थों और स्थानों में मन्दिर बनवाए, घाट बँधवाए, कुओं और बावड़ियों का निर्माण किया, मार्ग बनवाए-काशी विश्वनाथ …

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लो आ गयी लोहड़ी वे: जावेद अख्तर

लो आ गयी लोहड़ी वे - जावेद अख्तर

लो आ गयी लोहड़ी वे,बना लौ जोड़ी वे,कलाई कोई यू थामो, ना जावे छोड़ी वे,ना जावे छोड़ी वेछूठ ना बोली वे,कुफर ना टोली वे,जो तुने खायी थी कसमे, इक इक तोड़ी वे,इक इक तोड़ी वेलो आ गयी लोहड़ी वे,बना लो जोड़ी वे…तेरे कुर्बान जावा, तेरी मर्ज़ी जान जावा,तोह हर बात मान जावा, तेरी सोनिये…ओय-ओय-ओय तेरे कुर्बान जावातेनु मै जान-दिया, खूब …

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