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भारतीय रेल – ओम प्रकाश बजाज

भारतीय रेल - हिंदी बाल-कविता

2.5 करोड़ लोग रोज करते हैं सवारी, जो ऑस्ट्रेलिया की कुल है आबादी। 16 लाख से अधिक हैं इसके कर्मचारी, सर्वाधिक रोजगार देती है रेल हमारी। यह आंकड़ा विश्व के कई देशों की, कुल जनसंख्या पर भी पड़ता है भारी। 1366.33 मीटर लम्बाई वाला दुनिया में, सबसे लम्बा प्लेटफार्म है गोरखपुर का। हावड़ा-अमृतसर एक्सप्रैस 115 जगह रुकने का भी कीर्तिमान …

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NRI अनिवासी भारतीयों पर हास्य कविता

NRI अनिवासी भारतीयों पर हास्य कविता

न इधर के रहे न उधर के रहे बीच में ही हमेशा लटकते रहे न इंडिया को भुला सके न विदेश को अपना सके एन आर आई बन के काम चलाते रहे न हिंदी को छोड़ सके न अंग्रेजी को पकड़ सके देसी एक्सेंट में गोरों को कन्फयूज़ करते रहे न शौटर््स पहन सके न सलवार कमीज छोड़ सके जींस …

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भारत का पहला जटायु मंदिर, ग्वालियर, मध्य प्रदेश

भारत का पहला जटायु मंदिर, टेकरी गेंडेवाली सड़क, ग्वालियर, मध्य प्रदेश

भारत का पहला जटायु मंदिर ग्वालियर में बनकर तैयार हो गया है। इस मंदिर में कल विधि-विधान से प्रतिमा की स्थापना के बाद से मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोला गया। मंदिर की स्थापना के पीछे असल भावना ‘नारी बचाओ, बेटी बचाओ‘ का संदेश लोगों तक पहुंचाना है। उल्लेखनीय है कि यह मंदिर सत्यनाराण की टेकरी गेंडेवाली सड़क के समीप हिन्दी …

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गाय (भारत–भारती से) – मैथिली शरण गुप्त

गाय (भारत–भारती से) – मैथिली शरण गुप्त

है भूमि बन्ध्या हो रही, वृष–जाति दिन भर घट रही घी दूध दुर्लभ हो रहा, बल वीय्र्य की जड़ कट रही गो–वंश के उपकार की सब ओर आज पुकार है तो भी यहाँ उसका निरंतर हो रहा संहार है दाँतों तले तृण दाबकर हैं दीन गायें कह रहीं हम पशु तथा तुम हो मनुज, पर योग्य क्या तुमको यही? हमने …

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तुम कितनी सुंदर लगती हो – धर्मवीर भारती

तुम कितनी सुंदर लगती हो - धर्मवीर भारती

तुम कितनी सुंदर लगती हो जब तुम हो जाती हो उदास! ज्यों किसी गुलाबी दुनिया में सूने खंडहर के आसपास मदभरी चांदनी जगती हो! मुख पर ढंक लेती हो आंचल ज्यों डूब रहे रवि पर बादल‚ या दिनभर उड़ कर थकी किरन‚ सो जाती हो पांखें समेट‚ आंचल में अलस उदासी बन! दो भूल–भटके सांध्य–विहग‚ पुतली में कर लेते निवास! …

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अंधा युग – धर्मवीर भारती

अंधा युग - धर्मवीर भारती

धर्मवीर भारती का काव्य नाटक अंधा युग भारतीय रंगमंच का एक महत्वपूर्ण नाटक है। महाभारत युद्ध के अंतिम दिन पर आधारित यह् नाटक चार दशक से भारत की प्रत्येक भाषा मै मन्चित हो रहा है। इब्राहीम अलकाजी, रतन थियम, अरविन्द गौड़, राम गोपाल बजाज, मोहन महर्षि, एम के रैना और कई अन्य भारतीय रंगमंच निर्देशको ने इसका मन्चन किया है …

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भारत की बॉक्सिंग कैपिटल – भिवानी

भारत की बॉक्सिंग कैपिटल - भिवानी

हरियाणा के भिवानी कस्बे में सूर्य की पहली किरण के साथ ही बॉक्सिंग क्लब में सीटियों की आवाज़े सुनाई देने लगती हैं। इनमें से कुछ अपनी एकैडमी के बरामदे में खड़े कोच जगदीश सिंह की ओर से भी आती हैं। युवाओ को और जोश से व्यायम करने तथा मुक्के के लिए उत्साहित करते हुए उनके एक हाथ में सीटी तो दूसरे …

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भारत के ये 11 अजब गज़ब गाँव जहाँ आप एक बार जरूर जाना चाहेंगे

भारत के ये 11 अजब गज़ब गाँव जहाँ आप एक बार जरूर जाना चाहेंगे

| एक गाँव जहां दूध दही मुफ्त मिलता है यहां के लोग कभी दूध या उससे बनने वाली चीज़ो को बेचते नही हैं बल्कि उन लोगों को मुफ्त में दे देते हैं जिनके पास गायें या भैंसे नहीं हैं – धोकड़ा गुजरात के कक्ष में बसा ऐसा ही अनोखा गाँव है आज जब इंसानियत खो सी गयी है लोग किसी …

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फागुन की शाम – धर्मवीर भारती

फागुन की शाम - धर्मवीर भारती

घाट के रस्ते, उस बँसवट से इक पीली–सी चिड़िया, उसका कुछ अच्छा–सा नाम है! मुझे पुकारे! ताना मारे, भर आएँ, आँखड़ियाँ! उन्मन, ये फागुन की शाम है! घाट की सीढ़ी तोड़–फोड़ कर बन–तुलसी उग आयी झुरमुट से छन जल पर पड़ती सूरज की परछाईं तोतापंखी किरनों में हिलती बाँसों की टहनी यहीं बैठ कहती थी तुमसे सब कहनी–अनकहनी आज खा …

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सिरमौर (भारत-भारती से) – मैथिली शरण गुप्त

सिरमौर (भारत-भारती से) - मैथिली शरण गुप्त

हाँ, वृद्ध भारतवर्ष ही संसार का सिरमौर है ऐसा पुरातन देश कोई विश्व में क्या और है भगवान की भव–भूतियों का यह प्रथम भंडार है विधि ने किया नर–सृष्टि का पहले यहीं विस्तार है यह ठीक है पश्चिम बहुत ही कर रहा उत्कर्ष है पर पूर्व–गुरु उसका यही पुरु वृद्ध भारतवर्ष है जाकर विवेकानंद–सम कुछ साधु जन इस देश से …

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