छब्बीस जनवरी को मिलकर गणतंत्र दिवस मनाएंगे। शुभ दिन के स्वागत में सारा हिन्दुस्तान सजाऐंगे॥ सुनो – सुनो ऐ दुनिया वालों भारत एलान कराएगा। सदा हमारी दिल्ली में झंडा अपना लहराएगा॥ राष्ट्र पताका फहराकर हम राष्ट्रीयगान सुनाएंगे। शुभ दिन के स्वागत में सारा हिन्दुस्तान सजाएंगे॥ विजयी विश्व तिरंगे को फिर नमन करेंगे सारे। भारत माता की जय के नभ में …
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संत की मज़ार
किसी मज़ार पर एक फकीर रहते थे। सैकड़ों भक्त उस मज़ार पर आकर दान-दक्षिणा चढ़ाते थे। उन भक्तों में एक बंजारा भी था। वह बहुत गरीब था, फिर भी, नियमानुसार आकर माथा टेकता, फकीर की सेवा करता, और फिर अपने काम पर जाता, उसका कपड़े का व्यवसाय था, कपड़ों की भारी पोटली कंधों पर लिए सुबह से लेकर शाम तक …
Read More »केजरीवाल चालीसा – शम्भू नाथ
दोहा: सच्चाई की अलख जगाई जनता दे दिया साथ॥ विजय पताका हासिल कर ली खा गए सारे मात॥ चौपाई: जय केजरी कुंवर बलवंता। मनीष कुमार और भगवंता॥ सच की टोपी सर पर सोहे। मृदु वचन से जनता मोहे॥ पूर्ण वादे को करने वाले। लोगों का दुःख रहने वाले॥ भ्रष्टाचार को करो उजागर। अत्याचारी की फोड़ो गागर॥ नीति विरोध काम नहीं …
Read More »चोरी का गंगाजल – मनोहर लाल ‘रत्नम’
महाकुम्भ से गंगाजल मैं, चोरी करके लाया हूँ। नेताओं ने कर दिया गन्दा, संसद धोने आया हूँ॥ देश उदय का नारा देकर, जनता को बहकाते हैं, छप्पन वर्ष की आज़ादी को, भारत उदय बताते हैं। मंहगाई है कमर तोड़ती, बेरोजगारी का शासन, कमर तलक कर्जे का कीचड, यह प्रगति बतलाते हैं॥ थोथे आश्वासन नेता के, मैं बतलाने आया हूँ। महाकुम्भ …
Read More »देश किन्नरों को दे दो – मनोहर लाल ‘रत्नम’
देश नारों से घिरा, मैं हर सितम को सह रहा हूँ, आँख के आंसू मैं देखो अब खडा मैं बह रहा हूँ। और अत्त्याचार मुझसे देश मैं देखे न जाएं– आज शिव सा ही गरल मैं पान करके कह रहा हूँ॥ भावना बैठी कहाँ है आप भी मन को कुरेदो। आप के बस का ना हो तो, देश किन्नरों को …
Read More »ताजमहल – अरुण प्रसाद
यमुना–तीरे मुस्कुरा रहा। चाँदनी रात में नहा रहा। स्तब्ध, मौन कुछ बोलो तो। कुछ बात व्यथा की ही कह दो अथवा इतिहास बता रख दो। अपनी सुषमा का भेद सही, कुछ खोलो तो। गहराने दो कुछ रात और। तन जाने दो कुछ तार और। तब चला अँगुलियाँ, गीत छेड़ कुछ खोलें भी। उस नील परी सी शहजादी, एक शंहशाह के …
Read More »रामनाथस्वामी थिरुकोइल, रामेश्वरम्, तमिलनाडु
भारत के प्रसिद्ध चारधामों में से एक धाम रामेश्वरम् है, जिसकी गिनती प्रसिद्धि 12 ज्योतिर्लिंगों में भी होती है। जिस प्रकार उत्तर भारत में हिन्दुओं का पवित्र तीर्थ काशी है, उसी प्रकार दक्षिण भारत में रामेश्वरम् है। यहां भगवान् श्रीराम ने लंका पर आक्रमण करने से पहले शिवलिंग की स्थापना कर उसकी पूजा की थी। इस स्थान की महिमा का …
Read More »वीणा की झंकार भरो – मनोहर लाल ‘रत्नम’
कवियों की कलमों में शारदे, वीणा की झंकार भरो। जन – गण – मन तेरा गुण गाये, फिर ऐसे आधार करो॥ तेरे बेटों ने तेरी झोली में डाली हैं लाशें, पीड़ा, करुणा और रुदन चीखों की डाली हैं सांसें। जन – गण मंगल दायक कर आतंक मिटा दो धरती से- दानव कितने घूम रहे हैं, फैंक रहे हैं अपने पासे॥ …
Read More »स्त्रीलिंग पुल्लिंग – काका हाथरसी
काका से कहने लगे ठाकुर ठर्रा सिंह दाढ़ी स्त्रीलिंग है, ब्लाउज़ है पुल्लिंग ब्लाउज़ है पुल्लिंग, भयंकर गलती की है मर्दों के सिर पर टोपी पगड़ी रख दी है कह काका कवि पुरूष वर्ग की किस्मत खोटी मिसरानी का जूड़ा, मिसरा जी की चोटी। दुल्हिन का सिन्दूर से शोभित हुआ ललाट दूल्हा जी के तिलक को रोली हुई अलॉट रोली …
Read More »प्यारे बापू – आदित्य चोटिया
राष्ट्रपिता तुम कहलाते हो, सभी प्यार से कहते बापू। तुमने हम सबको मार्ग दिखाया, सत्य अहिंसा का पाठ पढ़ाया। हम सब तेरी संतानें हैं, तुम हो हमारे प्यारे बापू। सीधा – सादा वेश तुम्हारा, नहीं कोई अभिमान। खादी की एक धोती पहने, वाह रे बापू तेरी शान। एक लाठी के दम पर तुमने, अंग्रेजों की जड़ें हिलाई। भारत माँ को आज़ाद कराया, …
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