अष्ठम सर्ग: सगगणपति गणपति के पावन पांव पूज, वाणी–पद को कर नमस्कार। उस चण्डी को, उस दुर्गा को, काली–पद को कर नमस्कार ॥१॥ उस कालकूट पीनेवाले के नयन याद कर लाल–लाल। डग–डग ब्रह्माण्ड हिला देता जिसके ताण्डव का ताल–ताल ॥२॥ ले महाशक्ति से शक्ति भीख व्रत रख वनदेवी रानी का। निर्भय होकर लिखता हूं मैं ले आशीर्वाद भवानी का ॥३॥ …
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हल्दीघाटी: षष्ठ सर्ग – श्याम नारायण पाण्डेय
षष्ठ सर्ग: सगनीलम मणि के बन्दनवार, उनमें चांदी के मृदु तार। जातरूप के बने किवार सजे कुसुम से हीरक–द्वार ॥१॥ दिल्ली के उज्जवल हर द्वार, चमचम कंचन कलश अपार। जलमय कुश–पल्लव सहकार शोभित उन पर कुसुमित हार ॥२॥ लटक रहे थे तोरण–जाल, बजती शहनाई हर काल। उछल रहे थे सुन स्वर ताल, पथ पर छोटे–छोटे बाल ॥३॥ बजते झांझ नगारे …
Read More »हल्दीघाटी: पंचम सर्ग – श्याम नारायण पाण्डेय
पंचम सर्ग: सगवक्ष भरा रहता अकबर का सुरभित जय–माला से। सारा भारत भभक रहा था क्रोधानल–ज्वाला से ॥१॥ रत्न–जटित मणि–सिंहासन था मण्डित रणधीरों से। उसका पद जगमगा रहा था राजमुकुट–हीरों से ॥२॥ जग के वैभव खेल रहे थे मुगल–राज–थाती पर। फहर रहा था अकबर का झण्डा नभ की छाती पर ॥३॥ यह प्रताप यह विभव मिला, पर एक मिला था …
Read More »मूंछों वाली स्त्रियों से बचें
भारतीय ज्योतिष की बहुत सी शाखाएं हैं। ज्योतिषशास्त्रियों ने इसे बहुत से भागों में बांटा है। सामुद्रिक शास्त्र ज्योतिष शास्त्र का ही एक भाग है। जिसके अंतर्गत किसी दूसरे व्यक्ति के शारीरिक अंगों, चिह्नों, चाल-ढाल अथवा रहन-सहन के तौर-तरीके से उस व्यक्ति के चरित्र अथवा उसके अंर्तमन में छिपे बहुत से गुप्त रहस्यों को जान सकते हैं। मानव शरीर के …
Read More »चिड़ियों का बाज़ार – प्रतिभा सक्सेना
चिड़ियों ने बाज़ार लगाया, एक कुंज को ख़ूब सजाया तितली लाई सुंदर पत्ते, मकड़ी लाई कपड़े-लत्ते बुलबुल लाई फूल रँगीले, रंग-बिरंगे पीले-नीले तोता तूत और झरबेरी, भर कर लाया कई चँगेरी पंख सजीले लाया मोर, अंडे लाया अंडे चोर गौरैया ले आई दाने, बत्तख सजाए ताल-मखाने कोयल और कबूतर कौआ, ले कर अपना झोला झउआ करने को निकले बाज़ार, ठेले …
Read More »वट सावित्री व्रत
सुहागन स्त्रियां वट सावित्री व्रत के दिन सोलह श्रृंगार करके सिंदूर, रोली, फूल, अक्षत, चना, फल और मिठाई से सावित्री, सत्यवान और यमराज की पूजा करें। वट वृक्ष की जड़ को दूध और जल से सींचें। इसके बाद कच्चे सूत को हल्दी में रंग कर वट वृक्ष में लपेटते हुए कम से कम तीन बार परिक्रमा करें। वट वृक्ष का …
Read More »शिव के नाम में छिपे रहस्य
भारतीय संस्कृति में बहुदेववाद की प्रतिष्ठा है, यह सत्य है किंतु भगवान शिव को ही भोले बाबा के रूप में माना गया है। इनकी अनेक नामों से पूजा की जाती है और प्रत्येक नाम इनके गुणों को प्रकाशित करता है। अपने भक्तों के दुख दारिद्रय को दूर करने के लिए बहुत जल्दी प्रसन्न होने के कारण इन्हें आशुतोष कहा जाता …
Read More »प्राचीन शिव मंदिर, बैजनाथ, कांगड़ा जिला, हिमाचल प्रदेश
जिला कांगड़ा के बैजनाथ में स्थित प्राचीन शिव मंदिर उत्तरी भारत का आदिकाल से एक तीर्थ स्थल माना जाता है। इस मंदिर में स्थित अर्धनारीश्वर शिवलिंग देश के विख्यात एवं प्राचीन ज्योती लिंग में से एक है। जिसका इतिहास लंकाधिपति रावण से जुड़ा है यूं तो वर्ष भर प्रदेश के देश-विदेश से हजारों की संख्या में पर्यटक इस प्राचीन मंदिर …
Read More »मां हिमानी चामुंडा मंदिर, कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में हिमानी चामुंडा नंदिकेश्चर धाम पौराणिक काल से शिव शक्ति का अद्भुत सिद्धवरदाई स्थल है। दरअसल यह स्थान जालंधर पीठ के इतिहास में उत्तरी द्वारपाल के रूप में जाना जाता है। इस स्थान पर असुर जालंधर और महादेव के बीच युद्ध के अवसर पर भगवती चामुंडा को अधिष्ठात्री देवी और रुद्रत्व प्राप्त हुआ था जिस …
Read More »गोरक्षनाथ मंदिर, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
भगवान गुरु गोरक्षनाथ धुनि रमाने वाले महायोगी हैं। अनेकों कहानियां उनसे सम्पूर्ण भारत में जुडी हुई हैं। एक समय की बात है भगवान गुरु गोरक्षनाथ नर-नारायण पर्वत की ओर अपने शिष्यों के साथ जा रहे थे। रास्ते में माता का प्रख्यात शक्ति पीठ पड़ गया। माता ने भगवान गुरु गोरक्षनाथ जी को आता देख उनका रास्ता रोक लिया और उनसे …
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