वास्तुशास्त्र और फेंगशुई में पहाड़ या ऊंची-नीची जगह पर भवन बनाने के स्थान को लेकर थोड़ा विरोधाभास है। फेंगशुई का एक सिद्धान्त है कि, यदि पहाड़ के मध्य में कोई भवन बना हो, जिसके पीछे पहाड़ की ऊंचाई हो, आगे की तरफ पहाड़ की ढलान हो और ढलान के बाद पानी का झरना, तालाब, नदी, समुद्र इत्यादि हो, ऐसा भवन …
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पशुपतिनाथ मंदिर, काठमांडू, नेपाल और भूकंप
यूनेस्को विश्व सांस्कृतिक विरासत स्थल में सूचीबद्ध नेपाल की राजधानी काठमांडू मे बागमती नदी के तट पर स्थित पशुपतिनाथ मंदिर सनातनधर्म के आठ सर्वाधिक पवित्र स्थलों में से एक है। पौराणिक काल मे काठमांडू का नाम कांतिपुर था। मान्यतानुसार मंदिर का ढांचा प्रकृतिक आपदाओं से कई बार नष्ट हुआ है। परंतु इसका गर्भगृह पौराणिक काल से अबतक संपूर्ण रूप से …
Read More »बगलामुखी मंदिर, नलखेड़ा, शाजापुर, मध्यप्रदेश
विश्व के सर्वाधिक प्राचीन बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा (मध्य प्रदेश) में माता बगलामुखी जयंती समारोह को धूमधाम से मनाएंगे। यह स्थान (मां बगलामुखी शक्ति पीठ) नलखेड़ा में स्वयंभू प्रतिमा शमशान क्षेत्र में स्थित है। कहा जाता है की इसकी स्थापना महाभारत युद्ध के 12 वें दिन स्वयं धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्री कृष्ण के निर्देशानुसार की थी। प्राचीन तंत्र ग्रंथों में …
Read More »हिन्दुओं में विवाह करने की परंपरा
हिंदू धर्म शास्त्रों में हमारे सोलह संस्कार बताए गए हैं। इन संस्कारों में काफी महत्वपूर्ण विवाह संस्कार हैं। शादी को व्यक्ति का दूसरा जन्म भी माना जाता है क्योंकि इसके बाद वर-वधू सहित दोनों के परिवारों का जीवन पूरी तरह बदल जाता है इसलिए विवाह के संबंध में कई महत्वपूर्ण सावधानियां रखना जरूरी है। विवाह के बाद वर-वधू का जीवन …
Read More »बुद्धिमान माँ
भारत के पूर्वी हिस्से में उड़ीसा नाम का राज्य है। महानदी के मुहाने के आसपास की जमीन बहुत उपजाऊ है – धान के खेत, जंगल और ताजा हरी घास, जिसे वहां के मवेशी भरपेट खाते हैं। बहुत पहले वहां एक महाजन की पत्नी अपने तीन बेटों और बहुओं के साथ रहती थी। सुखी परिवार था और सब लोग आराम से रहते …
Read More »कालीनाथ महादेव, कालेश्वर, काँगड़ा, हिमाचल प्रदेश
प्राचीन कालीनाथ महादेव देहरा उपमंडल के कालेश्वर में ब्यास नदी के तट पर स्थित है। शक्तिपीठ ज्वालामुखी से यह बारह किलोमीटर दूर है। मंदिर के साथ बहती ब्यास नदी में पूर्णिमा, अमावस्या एवं ग्रहण पर श्रद्धालु स्नान के लिए आते हैं लेकिन बैसाख महीने की सक्रांति पर यहां दान, पूजा और स्नान का अत्यधिक महत्व है। कालीनाथ मंदिर उस समय …
Read More »बाबा साहेब अम्बेदकर: एक महान योद्धा
बाबा साहेब अम्बेदकर जब तीसरी गोलमेज कांफ्रैंस के लिए लंदन के लिए रवाना हुए तो विमान में एक व्यक्ति ने उनकी ओर इशारा करते हुए अपने साथी से कहा, “यह वह नौजवान है जो भारतीय इतिहास के नए पन्ने लिख रहा है।” सूबेदार राम जी ने तब सपने में भी नहीं सोचा होगा कि 14 अप्रैल 1891 के दिन उनके …
Read More »इन ६ चीजों को घर में न रखें
भारतीय वास्तु विज्ञान चाइनीज़ फेंगशुई से काफी मिलता जुलता है। यह प्राकृतिक शक्तियों को मनुष्य के लिए उपयोगी बनाने की एक कलात्मक परंपरा है। हम अक्सर सुनते आए हैं कि घर में क्या रखना अच्छा होता है और क्या रखना बुरा। आइए, आज आपको बताते हैं कि घर में कौन-सी 6 चीजें कभी नहीं रखनी चाहिए – 1महाभारत की तस्वीरें …
Read More »मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, दौसा, राजस्थान
जयपुर से लगभग 80 किलोमीटर दूर मेंहदीपुर कस्बे में बालाजी का एक अतिप्रसिद्ध तथा प्रख्यात मन्दिर है जिसे श्री मेंहदीपुर बालाजी मन्दिर के नाम से जाना जाता है। जहां बालाजी उत्तरमुखी होकर विराजमान हैं। भूत-प्रेतादि ऊपरी बाधाओं के निवारणार्थ यहां आने वालों का वर्षभर तांता लगा रहता है। लोगों में ऐसा विश्वास है कि तंत्र-मंत्र, ऊपरी शक्तियों से ग्रसित व्यक्ति …
Read More »जंगल का न्याय
त्रिपुरा के जंगलों में एक शूकरी रहती थी। अपने बच्चों के साथ, शूकरी ख़ुशी – ख़ुशी दिन बिता रही थी। एक दिन जंगल में अपने बच्चों के लिए भोजन ढूंढते हुए, उसने एक बाघ के बच्चे को रोते हुए देखा। जब उसे इस शावक की माँ कहीं नही मिली तो उसने अंदाजा लगाया कि माँ को शिकारियों ने मार डाला होगा। …
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