बच्चों को सिखाएं व्यवहारिक बातें

Bachchon Ko Sikhayein Vyavharik Batein

बच्चे को फर्स्ट एड की ट्रेनिंग दिलाना बहुत जरूरी है, क्योंकि एमरजैंसी आने पर वह डाक्टरी उपचार पहुंचने से पहले ही अपनी या दूसरों की मदद कर सकता है।

बच्चों को केवल किताबी ज्ञान से अवगत कराना ही काफी नहीं हैं। वह हाई मार्क्स लेकर बड़ी डिग्री हासिल करे यही काफी नहीं हैं, बल्कि उसे जीवन में आगे बढने के लिए कुछ ऐसी बातें सिखाना भी जरूरी है, जो देखने में भले ही छोटी लगें, परंतु वास्तव में जीवन भर उसके काफी काम आती हैं। कुछ ऐसी बातें जो उसे स्कूल में कभी नहीं सिखाई जातीं, अभिभावक ही उसे सिखा सकते हैं।

दिखाएं कुदरती नजारे:

उसे कभी कुदरती नजरों के बीच भी ले जाएं तथा आसमान में उड़ती चिड़िया, धूप में फूलों पर उड़ती मधु-मक्खियां और तितलियां, नदी-तालाब में तैरती मछलियां, बागों में खिले फूलों पहाड़ों पर जमी बर्फ के नजारे दिखाएं। कभी उसे बारिश में घुमाने ले जाएं तो कभी उदय-अस्त होता सूरज दिखाएं, कभी चांद का घटता-बढ़ता रूप और तारों का टूटना भी दिखाएं। कभी उसे बागों में ले जाकर पेड़ों पर लगे फल दिखाएं तो कभी खेतों में ले जाकर सब्जियां और धान के पौधे दिखाएं, उसे पौधे पर लगे कपास के फूल दिखाएं, झरनों की कलकल, पक्षियों का चहचहाना और जुगनूं का टिमटिमाना आप ही तो अपने बच्चे को दिखा सकते हैं। यकीन मानिए कुदरत के ये अद्भुत नजारे उसे बहुत कुछ सिखने और सोचने पर मजबूर करेंगे।

व्यवहारिक ज्ञान में पीछे क्यों:

अपने बच्चे को बचपन से ही सिखाएं कि वह अपने जीवन में आ रही समस्याओं से कैसे निपटे। उम्र के साथ उसे घर की बिजली सबंधी साधारण समस्याओं को हल करना सिखाएं, क्योंकि बिजली चली जाने पर फ्यूज बदलना भले ही आसान हो, यदि उसने यह कभी सिखा ही नहीं तो वह हमेशा इसके लिए भी   इलैक्ट्रीशियन को ही कॉल करेगा।

बच्चे को फर्स्ट एड की ट्रेनिंग दिलाना बहुत जरूरी है, क्योंकि एमरजैंसी आने पर वह डाक्टरी उपचार पहुंचने से पहले ही अपनी या दूसरों की मदद कर सकता है। ऐसा करने पर कितनी संतुष्टि मिलती हैं,  यह तो हम सभी जानते हैं।

उसे न केवल बैंकिंग के बारे में समझाएं, बल्कि यह भी बताएं कि इंकम टैक्स भरना ही जरूरी नहीं, बल्कि रिटर्न भरना आना भी जरूरी है। इसलिए ऐसे छोटे-छोटे काम उससे भी कराते रहें।

साइंस और मैथ्स के सवालों के रटे-रटाए जवाबों की अपेक्षा, उसे बैंकिंग के अधिक बचत वाले विकल्पों और निवेश योजनाओं की भी जानकारी दें। उसे सिखाएं कि हैल्दी लाइफ कितनी जरूरी है। उसे सिखाएं कि हैल्दी फूड खाने और नियमित कसरत करने को कहें। उसे बताएं कि आज की लाइफ में मानसिक स्ट्रैस का शिकार होना नॉर्मल भले ही हो परंतु उससे छुटकारा पाने के लिए अमुक रिलैक्सेशन तकनीक हमेशा उसके काम आएगी।

शिक्षा जरूरी:

ऐसा नहीं कि जीवन में इन बातों के आगे शिक्षा का महत्त्व गौण हो जाता है, बल्कि शिक्षा से ही तो वह ज्ञान के असीमित भंडार से अवगत होता है। उसे पढाएं अवश्य, परंतु सिर्फ नंबरों की होड़ में शामिल होकर सवालों के जवाब या फार्मूले रटने वाला मत बनाएं। वह जो भी पढ़े, उसे पूरी तरह से समझते हुए अच्छी तरह से याद करें ताकि जीवन की अन्य परीक्षाओं में भी उसका ज्ञान काम आए क्योंकि फार्मूले ही उसे जीवन का गणित समझने में मदद करते हैं।

ऐसा न हो कि उसे अपने देश के राज्यों एवं अन्य देशों की राजधानीयों के नाम तो याद रहें, परंतु यह न पता हो कि अपने देश के किस राज्य और शहर या बाहर के देश की विशेषता एवं कल्चर क्या है।

आपके दारा दिया गया व्यवहारिक ज्ञान ही बच्चों के व्यक्तित्व को अधिक उन्नत बनाएगा। आज शिक्षा के नाम पर अधिक से अधिक नंबर पाने की होड़ में  बच्चे जीवन के अन्य व्यवहारिक पक्षों की तरह न तो सोच पाते हैं और न ही उन्हें समझ पाते हैं।

बच्चे को मात्र एक रोबोट न बनने दें बल्कि उसे स्वतंत्र ढंग से सोचने और काम करने दें ताकि वह जीवन में छोटी-छोटी बातों में मात न खाए।

________हेमा शर्मा, चंडीगढ़ 

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