विवाह भारतीय संदर्भ में समाज और परिवार निर्माण की पहली कड़ी है। विवाह के समय दो अनजान व्यक्ति प्रेम की अटूट डोर में बंधते हैं। दोनों की यह डोर टूटने न पाए, इसके लिए जरूरी है कि उनके रिश्तों में विश्वास की नीव मजबूती से बरकरार रहे। जैसे ही इस रिश्ते में किसी तीसरे का आगमन होता है, नींव दरकने लगती है। कभी तो स्थिति तनावपूर्ण होकर अलगाव की हद तक पहुंच जाती है। हालात अंदर ही अंदर कुढन पैदा करने लगते हैं। ऐसे में एक-दूसरे से जी चुराने, नजर बचाने और जान छुड़ाने की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
खतरे का आभास:
- हर रिश्ते की एक सीमा होती है। समस्या तब पैदा होती है जन इन्हीं रिश्तों में कोई रिश्ता जरूरत से ज्यादा आपके पति के करीब आ जाता है। आइए देखें इसे पहचाने कैसे?
- बच्चों पर ठीक से ध्यान न दे रहे हों।
- अचानक बेचैन और खीझे रहने लगें।
- अपने बनने संवरने पर अधिक ध्यान देने लगें।
- आपके बनाए स्वादिष्ट व्यंजन की तारीफ करना भूल जाते हों।
- बिना किसी बात के मुस्कुराने-गाने लगते हों।
सुधार कैसे हो:
- जब आपको पता चले कि उनके मिजाज आजकल ठीक नहीं हैं तो उनकी हरकतों पर नजर रखें एवं बिना लड़ाई-झगड़े के उनकी और अपनी आदतों में सुधार लाने का प्रयत्न करें।
- पति की हर जरूरत का तन-मन से ध्यान रखें।
- सुबह जागते ही और घर घुसते ही शिकायतों का पिटारा न खोलें।
- पति के पसंद के व्यंजन बनाएं।
- पति की इच्छा पूरी करते हुए एहसान न जताएं। पूर्ण समर्पण के साथ-साथ कभी उन्हें प्रेमिका की तरह तरसाएं भी।
- रात के समय या उस समय जब आप दोनों घर में अकेले हों, पति को आकर्षित करने वाले कपड़े पहने।
- पति की महिला मित्रों से इर्ष्या न करके कभी-कभी उनकी प्रशंसा भी करें।
- सुबह-शाम चाय साथ पिएं एवं रात का खाना खाने के बाद नियमित रूप से घूमने की आदत डालें।
- पति-पत्नी में तालमेल स्थापित होने पर ही दांपत्य में सफलता मिलती है।
- पत्नी चाहे तो दांपत्य जीवन की सीलन को रोक सकती है, लेकिन फिर भी कोई रिश्ता आप की गृहस्थी को तबाह करता नजर आए तो इससे सख्ती से पेश आना चाहिए।
________दीपक शर्मा