Short Hindi Poem about Selfishness शोर

Short Hindi Poem about Selfishness शोर

आज जीवन का ऐसा दौर आया है।
हर तरफ इक अजीब मोड़ आया है।
आज जीवन का ऐसा…

तंगदिल हो गया ज़माना
कि अब अपना भी लगे बेगाना,
हर तरफ इक अजीब मोड़ आया है।
आज जीवन का ऐसा…

समय नहीं है, समय नहीं हैं,
हर तरफ यहीं शोर छाया है
हर तरफ इक अजीब मोड़ आया है
आज जीवन का ऐसा…

कर्म करते हैं क्या? किसके लिए?
इस का न जवाब कोई भाया है,
हर तरफ इक अजीब मोड़ आया है
आज जीवन का ऐसा…

तंग दिल है इंसान, तंग दिल जमाना
अपने से बढ़कर, किसी को न जाना
हर तरफ यही जोर भाया है

आज जीवन का ऐसा दौर आया है।
हर तरफ इक अजीब मोड़ आया है।

~ श्री मती गीता चंद्रा (हिंदी अध्यापिका) St. Gregorios School, Gregorios Nagar, Sector 11, Dwarka, New Delhi

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