Inspirational Hindi Poem about Dussehra आ गया पावन दशहरा (विजय दशमी)

आ गया पावन दशहरा: दशहरा पर छोटे बच्चों के लिए हिंदी कविता

आ गया पावन दशहरा: दशहरा पर हिंदी कविता – भारत में दशहरा का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है, देश के कुछ जगहों पर दशहरा का सेलिब्रेशन बहुत फेमस होता है।

आ गया पावन दशहरा: सत्यनारायण सिंह

आ गया पावन दशहरा
फिर हमे सन्देश देने
आ गया पावन दशहरा।

तुम संकटों का हो घनेरा
हो न आकुल मन ये तेरा
संकटो के तम छटेंगे
होगा फिर सुन्दर सवेरा
धैर्य का तू ले सहारा।

द्वेष कितना भी हो गहरा
हो न कलुषित मन ये तेरा
फिर ये टूटे दिल मिलेंगे
होगा जब प्रेमी चितेरा
बन शमी का पात प्यारा।

सत्य हो कितना प्रताड़ित
पर न हो सकता पराजित
रूप उसका और निखरे
जानता है विश्व सारा
बन विजय “स्वर्णिम सितारा”।

∼ ‘आ गया पावन दशहरा‘ poetry by ‘सत्यनारायण सिंह

देशभर में इन 5 जगहों पर बेहद खास अंदाज में मनाया जाता है दशहरा

भारत में दिवाली और दशहरा का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। देश में कई ऐसी जगहें हैं, जहां बेहद खास और यूनिक तरीके से विजयादशमी का पर्व सेलिब्रेट किया जाता है। इस जगहों पर इतने भव्यता और हर्षोल्लास के साथ दशहरा का आयोजन किया जाता है, कि हर साल विजयादशमी के जश्न में शामिल होनेके लिए लाखों सैलानी यहां आते हैं। चलिए इन खास जगहों पर दशहरा से जुड़ी खास संस्कृति और परंपराओं के बारे में जानते हैं।

कोलकाता (पश्चिम बंगाल):

  • पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा का बड़ा महत्व है। दशहरा के दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। नवरात्रि के नौ दिन बाद भक्त मां दुर्गा की प्रतिमा को विजयादशमी के दिन विसर्जित करते हैं। नवरात्रि के दिनों में पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर पूजा-पंडाल बनाया जाता है और मां दुर्गा की बड़े हर्षोल्सास के साथ पूजा की जाती है।

मैसूर (कर्नाटक):

  • मैसूर के दशहरा की अलग रौनक होती है। यहां पर मां दुर्गा के महिषासुर राक्षस का वध करने के उपलक्ष्य में दशहरा मनाया जाता है। मैसूर शहर में स्थानीय भाषा में दशहरा को दसरा या नबाबबा कहते हैं। इस शहर में नवरात्रि की शुरुआत मां चामुंडेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना से होती है। इस त्योहार में लाखों पर्यटक शामिल होते हैं।

कुल्लू (हिमांचल प्रदेश):

  • कुल्लू का दशहरा दुनिया भर में बहुत मशहूर है। कुल्लू का दशहरा हिमांचल की धार्मिक और सांस्कृतिक आस्था का प्रतीक माना जाता है। यहां दशहरे की शुरुआत भगवान रघुनाथ के भव्य रथयात्रा से शुरू होती है और रथयात्रा के साथ देवी-देवताओं के भी रथ चलते हैं। कुल्लू में दशहरा देव मिलन के रूप में माना जाता है। मान्यता है कि इस दौरान जिले के सैकड़ों देवी-देवता एक-दूसरे से मिलने के लिए कुल्लू पहुंचते हैं। यहां एक मेले का भी आयोजन होता हैं, जहां हर वर्ष लाखों लोग शिरकत करते हैं।

वाराणसी (उत्तर प्रदेश):

  • विजयादशमी का जश्न में शामिल होने के लिए आप वाराणसी भी जा सकते हैं। यहां बड़े धूमधाम से दशहरा मनाया जाता है। रामलीला का आयोजन होता है। हर साल लाखों लोग रामलीला देखने आते हैं। इस त्योहार में अयोध्या, लंका और अशोक वाटिका के दृश्य को फिर से बनाया जाता है और कई कलाकार रामलीला का प्रदर्शन करते हैं।

रामलीला मैदान (दिल्ली):

  • देश की राजधानी दिल्ली में भी बड़े उत्साह के साथ दशहरा का जश्न मनाया जाता है। पुरानी दिल्ली के रामलीला मैदान में रावण दहन का आयोजन किया जाता है। साथ ही यहां पर विजयादशमी के अवसर पर मेले भी लगता है, जहां हर साल लाखों लोग शामिल होते हैं।

History of Dussehra (Vijay Dashmi)

This day marks the triumph of Lord Rama over Demon king Ravana. On this day, Rama killed Ravana.

Rama was asked to go on exile because his stepmother, Queen Kaikeyee was tricked into asking King Dasaratha to exile him for 14 years. Rama’s wife Sita, and his brother Lakshmana went with him willingly.

News of Rama staying at an ashram while on exile spread rapidly. A demon, Shoorpanakha found her way there and demanded that Rama or Lakshmana marry her. When both brothers rejected her, she threatened to kill Sita, so that Rama would then be single again. Lakshmana then cut off her ears and nose.

Shoorpanakha’s brother was the demon King Ravana. Ravana was incensed to hear what happened to his sister, and kidnapped Sita to avenge the insult.

The Ramayana chronicles Rama’s travels and deeds as he searched for his wife, and defeated evil.

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