आओ चिड़िया - पक्षी चिड़िया पर बाल-कविता

आओ चिड़िया – पक्षी चिड़िया पर बाल-कविता

आओ चिड़िया आओ चिड़िया,
कमरे में आ जाओ चिड़िया।
पुस्तक खुली पड़ी है मेरी,
एक पाठ पढ़ जाओ चिड़िया।

नहीं तुम्हें लिखना आता तो,
तुमको अभी सिखा दूंगा मैं।
अपने पापाजी से कहकर,
कॉपी तुम्हें दिल दूंगा मैं।

पेन रखे हैं पास हमारे,
चिड़िया रानी बढ़िया-बढ़िया।

आगे बढ़ती इस दुनिया में,
पढ़ना-लिखना बहुत जरूरी।
तुमने बिलकुल नहीं पढ़ा है,
पता नहीं क्या है मजबूरी।

आकर पढ़ लो साथ हमारे।
बदलो थोड़ी सी दिनचर्या।

चिड़िया बोली बिना पढ़े ही,
आसमान में उड़ लेती हूं।
चंदा की तारों की भाषा,
उन्हें देखकर पढ़ लेती हूं।

पढ़ लेती हूं बिना पढ़े ही,
जंगल-पर्वत-सागर-दरिया।

धरती मां ने बचपन से ही,
मुझे प्राथमिक पाठ पढ़ाए।
उड़ते-उड़ते आसमान से,
स्नातक की डिग्री लाए।

पढ़ लेती हूं मन की भाषा,
हिन्दी, उर्दू या हो उड़िया।

तुम बस इतना करो हमारे,
लिए जरा पानी पिलवा दो।
भाई-बहन हम सब भूखे हैं,
थोड़े से दाने डलवा दो।

कुछ हम भी दिन जी लें ढंग से
अगर बदल दें लोग नजरिया।

प्रभुदयाल श्रीवास्तव

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One comment

  1. NICE POEM
    MENE YE कविता अपने Holiday होम work मे kiya