अभिनन्दन नव वर्ष: सतीश चंद्र उपाध्याय – नए साल का दिन सभी लोगों द्वारा बहुत खुशी के साथ मनाया जाता है। लोग नए साल का दिन इच्छाओं, शुभकामनाओं, आतिशबाजी और पार्टियों के साथ मनाते हैं। सब बीते साल के अच्छे पलों को अलविदा कहते है, बुरे क्षणों को भुला देते हैं और नए साल का स्वागत करते हैं।
पूरे विश्व में 1 जनवरी को नया साल के रूप में मनाया जाता है। नए साल का दिन सभी के जीवन में अपार खुशी और खुशियाँ लाता है। नए साल को बहुत सारे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है और पार्टियों का आयोजन पिछली रात से होता है। लोग नए कपड़े पहनते हैं और दोस्तों और परिवार के साथ ख़ुशी मनाते हैं। नए साल को हर किसी के जीवन में नई चीजों की शुरुआत माना जाता है। कुछ लोग भगवान से आशीर्वाद लेने के लिए नए साल पर चर्च, मंदिर या मस्जिद जाते हैं।
लोग नए साल के मौके पर दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ उपहारों और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करते हैं। लोग आतिशबाजी कर नए साल का स्वागत करते हैं।
अभिनन्दन नव वर्ष: सतीश चंद्र उपाध्याय
बीत गए दिन ताप त्रास के
अब हो चहुँ दिश हर्ष
नई-नई खुशियों को लेकर
आए यह नव वर्ष।
धान्यपूर्ण हो बसुंधरा
अक्षय धन भंडार भरा
अलग बने पहचान विश्व में
कृषि से भारतवर्ष।
दूर विषमता हो समाज की
दीर्घायु जनतंत्र राज की
मानव मानव को सम समझें
कोई न हो अस्पर्श्य।
झगड़े दंगे ना दुर्घटनाएँ
काल के गाल ना मानव जाएँ
कवच बने मानव समाज का
तकनीकी उत्कर्ष।
∼ “अभिनन्दन नव वर्ष” Hindi poem by ‘सतीश चंद्र उपाध्याय‘
नव वर्ष का उत्सव पूरी दुनिया में मनाया जाता है। नया वर्ष लोगों के लिए नई उम्मीदें लेकर आता हैं। लोग ३१ दिसंबर को ही नए साल के स्वागत में जुट जाते हैं। इस दिन बीते पुरे वर्ष की घटनाओं को याद किया जाता हैं। पूरा साल कैसे बिता, इसका आकलन किया जाता है और उस वर्ष में रही कमियों को अगले यानि नए साल में पूरा करने का संकल्प लिया जाता है।
31 दिसंबर की संध्या को विशेष कार्यक्रम होते हैं। रेडियो और टेलीविजन पर विशेष कार्यक्रमों का प्रसारण होता हैं। मध्य रात्रि को आकर्षक आतिशबाजी का प्रदर्शन किया जाता है। लोग एक दुसरे को नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हैं। प्रियजनों को फूल और उपहार दिए जाते हैं। 1 जनवरी को बहुत से लोग पिकनिक और देखने लायक जगहों को देखने वे घुमने के लिए निकलते हैं।