यहीं शुभेच्छा नव आशाओं से पूरित हो हर जीवन।
तिमिर तिरोहित करता उज्ज्वल संकल्पों का दीप जले।
उर अन्तस में सदा सर्वदा शुभम सुमंगल भाव पले।
हृदय शुद्धि ही प्रबल प्रेरणा बन छाए मानस प्रतिक्षण।
यहीं प्रेरणा नव आशाओं से पूरित हो हर जीवन।
अभिनव राहें नवल सुपथ हो नूतन वर्षाभिनंदन।
यहीं शुभेच्छा नव आशाओं से पूरित हो हर जीवन।
सद्वचनों से सद्ग्रंथो से हो मिलाप निज मानस का।
अभिलाषा से परस रहे अनुशासन वाले पारस का।
संवेगों की हो विस्तारित सौरभ मन को कर चंदन।
यहीं शुभेच्छा नव आशाओं से पूरित हो हर जीवन।
अभिनव राहें नवल सुपथ हो नूतन वर्षाभिनंदन।
यहीं शुभेच्छा नव आशाओं से पूरित हो हर जीवन।
अधर सभी के हो मुस्कानें मधुरिम मुखरित निर्मल सी।
परदु:ख उद्धारक हो करुणा कल्याणी गंगा जल सी।
हर्ष ध्वनि में हो परिवर्तित चहुंदिश प्रति कातर क्रंदन।
यहीं शुभेच्छा नव आशाओं से पूरित हो हर जीवन।
अभिनव राहें नवल सुपथ हो नूतन वर्षाभिनंदन।
यहीं शुभेच्छा नव आशाओं से पूरित हो हर जीवन।
शुभ पन्द्रह उपरान्त लग रहा सोलहवा यह वर्ष प्रियम।
सोलहवे सावन सा अनुपम छाएगा उत्कर्ष प्रियम।
करे मंजरी सर्व सुखों का मन भावों से आवाहन।
यहीं शुभेच्छा नव आशाओं से पूरित हो हर जीवन।
अभिनव राहें नवल सुपथ हो नूतन वर्षाभिनंदन।
यहीं शुभेच्छा नव आशाओं से पूरित हो हर जीवन।
~ डॉ. मंजरी शुक्ला [दैनिक जागरण में भी प्रकाशित]
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