अधिकार - Adhikar by Mahadevi Verma

अधिकार: महादेवी वर्मा की प्रेरणादायक हिंदी कविता

Those who strive to tirelessly work for others may perish, but here Mahadevi Verma states that she would rather prefer that suffering than become immortal by the grace of God. Be careful to pause at commas to get the true meanings of lines.

वे मुस्काते फूल, नही
जिनको आता है मुरझाना,
वे तारों के दीप, नही
जिनको भाता ह बुझ जाना;

वे नीलम के मेघ, नही
जिनको है घुल जाने की चाह
वह अनंत रितुराज, नही
जिसने देखि जाने की राह|

वे सूने से नयन, नही
जिनमें बनते आंसू मोती,
वह प्राणों की सेज, नही
जिनमें बेसुध पीड़ा सोती;

ऐसा तेरा लोक, वेदना
नही, नही जिसमें अवसाद
जलना जाना नही, नही
जिसने जाना मिटने का स्वाद|

क्या उम्रों का लोक मिलेगा
तेरी करुणा का उपहार?
रहने दो हे देव! अरे
यह मेरा मिटने का अधिकार!

महादेवी वर्मा

आपको “महादेवी वर्मा” यह कविता “अधिकार” कैसी लगी – आप से अनुरोध है की अपने विचार comments के जरिये प्रस्तुत करें। अगर आप को यह कविता अच्छी लगी है तो Share या Like अवश्य करें।

यदि आपके पास Hindi / English में कोई poem, article, story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें। हमारी Id है: admin@sh035.global.temp.domains. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ publish करेंगे। धन्यवाद!

Check Also

English Poem about Thanksgiving: The Pumpkin

The Pumpkin: English Poem to read on Thanksgiving Day Festival

The Pumpkin: John Greenleaf Whittier uses grandiose language in “The Pumpkin” to describe, in the …