सामने तेरे तेरा बंदा बहुत मजबूर है।
ऐ खुदा, हर फ़ैसला तेरा मुझे मंजूर है,
सामने तेरे तेरा बंदा बहुत मजबूर है।
(अल्लाह हूँ…)
हर दुआ मेरी किसी दीवार से टकरा गयी, (2)
बेअसर होकर मेरी फ़र्याद वापस आ गयी।
(अल्लाह हूँ…)
इस ज़मीन से आसमां शायद बहुत ही दूर है,
सामने तेरे तेरा बंदा बहोत मजबूर है।
एक गुल से तो उजड़ जाते नहीं फूलों के बाग, (2)
क्या हुआ तूने बुझा डाला मेरे घर का चिराग।
(अल्लाह हूँ…)
कम नहीं है रोशनी, हर शय में तेरा नूर है,
सामने तेरे तेरा बंदा बहुत मजबूर है।
ऐ खुदा, हर फ़ैसला तेरा मुझे मंजूर है,
सामने तेरे तेरा बंदा बहुत मजबूर है।
~ आनंद बक्षी
Movie: Abdullah (1980)
Singer: Kishore Kumar
Music: R D Burman
Lyrics: Anand Bakshi