अकेले हम अकेले तुम: मजरूह सुल्तानपुरी
जो हम तुम संग है तो फिर क्या ग़म
तू मेरा दिल, तू मेरी जान,
O I love you Daddy,
तू मासूम, तू शैतान,
But you Love me Daddy…
यू तो है तू नन्हा सा
है मगर गुरु सब का
और इसी शरारत से
दिल जिगर है तू सब का
कहने को है यू तो हज़ार
कोई मगर तुझसा कहा
अकेले हम, अकेले तुम…
मान लो कल जो ये सारी दुनिया
साथ मेरा नही देगी
कौन है फिर मेरी मंजिल का हमसफ़र
मैं हू Daddy
आज लगे कितना हसी
अपना जहा, अपना समा
अकेले हम, अकेले तुम…
∼ मजरूह सुल्तानपुरी
चित्रपट : अकेले हम अकेले तुम (१९९५)
निर्माता : रतन जैन
निर्देशक : मंसूर खान
लेखक : नासिर हुसैन
गीतकार : मजरूह सुल्तानपुरी
संगीतकार : अनु मलिक
गायक : उदित नारायण, आदित्य नारायण
सितारे : आमिर खान, मनीषा कोइराला, मास्टर आदिल
संक्षेप:
रोहित कुमार (आमिर खान) एक महत्वाकांक्षी पार्श्व गायक है जबकि किरण (मनीषा कोइराला) एक महत्वाकांक्षी शास्त्रीय गायक है। वे मिलते हैं, एक-दूसरे की भावनाओं से संबंधित होते हैं, प्यार में पड़ते हैं और शादी करते हैं। जब किरण के माता-पिता उनकी शादी का विरोध करते हैं, तो वे अलग कहीं दूर जाने फैसला करते हैं।
हालांकि, विवाह के बाद, किरण की महत्वाकांक्षाएं उसकी अपनी घरेलू ज़िम्मेदारियों से और अपने बेटे सुनील की देखभाल करने से दबने लगती हैं। वह रोहित को छोड़ने और फिर से एक नया जीवन शुरू करने का फैसला करती है। अब एक अकेले रोहित को अपने बेटे और करियर दोनों की देखभाल करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। कुछ परेशानियों के बाद, रोहित खुद और अपने बेटे सुनील के लिए एक अलग दुनिया बनाने में सफल रहता है।
इस बीच, किरण एक विशाल फिल्म स्टार बन गई है। वह रोहित के साथ मिलकर काम करने की कोशिश करती है। लेकिन रोहित एक खुद्दार व्यक्ति है और उसका समर्थन गलत तरीके से दया समझता है। चीजें बदतर हो जाती हैं। अंततः सुनील के लिये अदालत में मामला दर्ज किया जाता है।