कुर्सी के टाँगे है पर फूटबाल नहीं सकती है फेंक।
कंघी के है दांत मगर वह चबा नहीं सकती खाना,
गला सुराही का है पतला किन्तु न गए सकती गाना।
जूते के है जीभ मगर वह स्वाद नही चख सकता है,
आँखे रखते हुए नारियल कभी न कुछ लिख सकता है।
है मनुष्य के पास सभी कुछ ले सकता है सबसे काम,
इसीलिए सबसे बढ़कर वह पाता है दुनिया में नाम।