Here is a nice poem of Amrita Pritam based upon which a lovely song was composed for film Kadambari (1975) that was sung by Asha Bhonsle. The song differs significantly from the actual poem below. This had to be done to bring the lines into meter. The last stanza we hear in the song is not there in the poem and must have been written afresh. The song filmed on Shabana Azami is available on YouTube. “Kufr” means blasphemy i.e. something that is against the religious norms.
अमृता प्रीतम (31 August 1919 – 31 October 2005) पंजाबी के सबसे लोकप्रिय लेखकों में से एक थी। पंजाब (भारत) के गुजराँवाला जिले में पैदा हुईं अमृता प्रीतम को पंजाबी भाषा की पहली कवयित्री माना जाता है। उन्होंने कुल मिलाकर लगभग 100 पुस्तकें लिखी हैं जिनमें उनकी चर्चित आत्मकथा ‘रसीदी टिकट’ भी शामिल है। अमृता प्रीतम उन साहित्यकारों में थीं जिनकी कृतियों का अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ। अपने अंतिम दिनों में अमृता प्रीतम को भारत का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान पद्मविभूषण भी प्राप्त हुआ। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से पहले ही अलंकृत किया जा चुका था।
अमृता प्रीतम का जन्म 1919 में गुजरांवाला पंजाब (भारत) में हुआ। बचपन बीता लाहौर में, शिक्षा भी वहीं हुई। किशोरावस्था से लिखना शुरू किया: कविता, कहानी और निबंध। प्रकाशित पुस्तकें पचास से अधिक। महत्त्वपूर्ण रचनाएं अनेक देशी विदेशी भाषाओं में अनूदित।
अमृता प्रीतम की लोकप्रिय कविता: अम्बर की एक पाक सुराही
बादल का एक जाम उठा कर
घूँट चांदनी पी है हमने
हमने आज यह दुनिया बेची
और एक दिन खरीद के लाए
बात कुफ़्र की की है हमने
सपनो का एक थान बुना था
गज एक कपडा फाड़ लिया
और उम्र की चोली सी है हमने
कैसे इसका कर्ज़ चुकाएं
माँग के अपनी मौत के हाथों
यह जो ज़िन्दगी ली है हमने
~ अमृता प्रीतम
चित्रपट / Film: कादंबरी
संगीतकार / Music Director: Vilayat Ali Khan
गीतकार / Lyricist: Amrita Pritam
गायक / Singer: आशा भोसले