Here is a little poem that my mother taught us kids. I do not know who wrote this poem, but it has a lot of truth in it!
बच्चे चार
निकले घर से
पंख पसार
पूरब से
पश्चिम को आए
उत्तर से
दक्षिण को धाए
उत्तर दक्षिण
पूरब पश्चिम
देख लिया
हमने जग सारा
अपना घर है
सबसे प्यारा!
Very nice poem for kids
Nice Poem.