अपनी आज़ादी को हम हरगीज मिटा सकते नहीं: शकील बदायूँनी

शकील बदायूँनी (जन्म: 03 अगस्त, 1916 – निधन: 20 अप्रैल, 1970) – शकील बदायूनी का जन्म स्थान उत्तर प्रदेश का शहर बदायूँ है। यह एक उर्दू के शायर और साहित्यकार थे। लेकिन इन्होंने बालीवुड में गीत रचनाकार के रूप में नाम कमाया।

अपनी आज़ादी को हम हरगीज मिटा सकते नहीं: शकील बदायूँनी

अपनी आज़ादी को हम हरगीज मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकीन सर झुका सकते नहीं

हमने सदियों में ये आज़ादी की नेमत पाई है
सैकडों कुरबानियां दे कर ये दौलत पाई है
मुस्कुराकर खाई हैं सीनों पे अपने गोलियां
कितने वीरानों जो गुजरे हैं पर जन्नत पाई है
खाक में हम अपनी इज्जत को मिला सकते नहीं

अपनी आज़ादी को हम हरगीज मिटा सकते नहीं…

क्या चलेगी जुल्म की एहल-ए-वफा के सामने
आ नहीं सकता कोई शोला हवा के सामने
लाख फौजे ले के आए अम्न का दुश्मन कोई
रुक नहीं सकता हमारी एकता के सामने
हम वो पत्थर हैं जिसे दुश्मन हिला सकता नहीं

अपनी आज़ादी को हम हरगीज मिटा सकते नहीं…

वक्त की आवाज के हम साथ चलते जायेंगे
हर कदम पर जिंदगी का रूख बदलते जायेंगे
गर वतन में भी मिलेगा कोई गद्दार-ए-वतन
अपनी ताकत से हम उस का सर कुचलते जायेंगे
एक धोका खा चुके हैं और खा सकते नहीं

अपनी आज़ादी को हम हरगीज मिटा सकते नहीं…

हम वतन के नौजवान हैं, हम से जो टकरायेगा
वो हमारी ठोकरों से खाक में मिल जायेगा
वक्त के तुफान में बह जायेंगे जुल्म-ओ-सितम
आसमां पर ये तिरंगा उम्र भर लहरायेगा
जो सबक बापू ने सिखलाया वो भूला सकते नहीं

सर कटा सकते हैं लेकीन सर झुका सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम हरगीज मिटा सकते नहीं

शकील बदायूँनी

चित्रपट: लीडर (1964)
गीतकार: शकील बदायूँनी
संगीतकार: नौशाद
गायक: मोहम्मद रफी
सितारे: दिलीप कुमार, वैजंतीमाला, जयंत

Leader is a 1964 CinemaScope Hindi political drama film. The film is produced by Sashadhar Mukherjee and directed by Ram Mukherjee. The film stars Dilip Kumar, Vyjayanthimala and Jayant. The story of the film was written by Dilip Jain.

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