तू ही मेरी आरजू, तू ही मेरी आबरू, तू ही मेरी जान
तेरे दामन से जो आये उन हवाओं को सलाम
चूम लूँ मैं उस ज़ुबां को जिसपे आये तेरा नाम
सब से प्यारी सुबह तेरी, सब से रंगीं तेरी शाम
माँ का दिल बनके कभी सीने से लग जाता है तू
और कभी नन्ही सी बेटी बनके याद आता है तू
जितना याद आता है मुझको उतना तड़पाता है तू
छोड़कर तेरी ज़मीन को दूर आ पहुचे हैं हम
फिर भी है यही तमन्ना तेरे जर्रों की कसम
हम जहाँ पैदा हुये उस जगह ही निकले दम
~ सलिल चौधरी
गीतकार: –
गायक: मन्ना डे
संगीतकार: सलिल चौधरी
चित्रपट: काबुलीवाला (1961)
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