बादल वातावरण में स्थिर पानी की बूंदों या आइस क्रिस्टल के बने होते हैं जो आकार में काफी छोटे और हल्के होते हैं, ये हवा में ठहर सकते हैं। बादल आसमान में जलवाष्प के संघनन (गैस से लिक्विड बनने की प्रक्रिया) से बनते हैं। संघनन की वजह से ही हम जलवाष्प को देख सकते हैं। मेघ कई तरह के होते हैं, जो पृथ्वी के मौसम और जलवायु का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं।
मेघ आसमान में मौजूद पानी से बनते हैं. यह पानी जमीन से वाष्पित होकर या अन्य क्षेत्र से आ सकता है। आसमान में हमेशा भाप की कुछ मात्रा मौजूद रहती है जो हमें दिखाई नहीं देती। मेघ तब बनते हैं जब हवा का कोई क्षेत्र ठंडा होकर भाप को द्रव में बदल देता है। वो हवा जहाँ बादल बनते हैं, जलवाष्प को संघनित (गैस से द्रव में परिवर्तन) करने के लिए पर्याप्त ठंडी होनी चाहिए। पानी हवा में मौजूद डस्ट, बर्फ या समुद्री नमक, जिन्हें संघनन नाभिक (Condensation nuclei) कहा जाता है, के साथ संघनित होता है। बादल किस प्रकार का बनेगा यह बादल बनने वाले स्थान के तापमान, हवा और अन्य परिस्थितियों पर निर्भर करता है।
बादल: राम प्रसाद शर्मा की हिंदी बाल-कविता
उमड़-घुमड़ कर बादल आए,
न जाने क्या संदेश लाए।
पता नहीं ये दूत हैं किसके,
न जाने ये पूत है किसके।
एक जगह पर ठहर न पाते,
हवा संग हैं ये उड़ जाते।
काले, घौले और सफेद,
बताते नहीं ये अपना भेद।
राग मल्हार की तान हैं ये,
रे, आसमान की शान हैं ये।
सुन कर इनकौ गर्जन-तर्जन,
दहल जाता है सबका मन।
खूब बरसे तो कहर ढाएं,
बाढ़ प्रकोप ये बन जाएं।
रीति-नीति निराली इनकी,
चाल बड़ी मतवाली इनकौ।
सूरज को हैं ये ढक लेते,
धूप नहीं ये लगने देते।
कर देते हैं सर्वत्र झमाझम,
बादल बने ‘ प्रसाद’ का मन।