बाकी रहा – राजगोपाल सिंह

बाकी रहा – राजगोपाल सिंह

कुछ न कुछ तो उसके – मेरे दरमियाँ बाकी रहा
चोट तो भर ही गई लेकिन निशाँ बाकी रहा

गाँव भर की धूप तो हँस कर उठा लेता था वो
कट गया पीपल अगर तो क्या वहाँ बाकी रहा

आग ने बस्ती जला डाली मगर हैरत है ये
किस तरह बस्ती में मुखिया का मकाँ बाकी रहा

खुश न हो उपलब्धियों पर ये भी तो पड़ताल कर
नाम है शोहरत भी है, पर तू कहाँ बाकी रहा

वक़्त की इस धुंध में सारे सिकांदर खो गए
ये ज़मि बाकी रही, बस आसमाँ बाक़ी रहा

~ राजगोपाल सिंह

Check Also

Blue Christmas Day: Date, History, Significance, Observance, Facts

Blue Christmas Day: Date, History, Significance, Observance, Facts

Blue Christmas: Blue Christmas in the Western Christian tradition, is a day in the Advent …